गौरतलब है कि अखिलेश को दुबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर पार्टी के युवा संगठनों ने प्रदर्शन किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के नेतृत्व में वे काम नहीं करेंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई और कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के निर्णय के खिलाफ युवा आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें। पार्टी के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, युवजन सभा और यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
सपा मुख्यालय के बाद युवा संगठन के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने युवा नेताओं को अंदर बुलाकर कहा कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना नेताजी का फैसला है। इसके खिलाफ यह आंदोलन खत्म होना चाहिये। अखिलेश ने कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ना होने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पार्टी में एकता बनाये रखना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उम्मीद है कि नौजवान इन बातों को समझेंगे और वह पार्टी की यात्रा के साथ प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनाएगा।