लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड जीत दिलाने और केंद्रीय गृहमंत्री बनने के बाद अमित शाह फिलहाल भाजपा अध्यक्ष बने रहेंगे। भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने कहा कि सदस्यता अभियान पूरा होने के बाद संगठन के चुनाव होंगे।
फिर से सक्रिय अमित शाह
लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह अगले चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं। अमित शाह ने गुरुवार को पार्टी नेताओं के साथ बड़ी बैठक की। शाह की तरफ से यहां पार्टी के लिए नया टारगेट रखा है। अब भाजपा एक बार फिर सदस्यता अभियान चलाएगी और 11 करोड़ कार्यकर्ताओं की संख्या को और भी बढ़ाएगी। पिछले दिनों अमित शाह ने महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड के आगामी चुनावों को लेकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी।
आज हुई बैठक की जानकारी देते वक्त भूपेंद्र यादव ने बताया कि अमित शाह ने सदस्यता अभियान चलाने को कहा है। ऐसे में पार्टी की ओर से मिशन मोड में ये अभियान चलाया जाएगा। सदस्यता की संख्या में 20 फीसदी बढ़ोतरी करने का लक्ष्य है।
‘राष्ट्रवाद और विकास हमारा एजेंडा’
भूपेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद के विचार और विकास के एजेंडे को लेकर आगे बढ़ रही है। बैठक में अमित शाह ने कहा कि अभी पार्टी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं हुआ है, जब तक पार्टी का विस्तार उन क्षेत्रों में नहीं हो जाता जहां पर अभी जनाधार काफी कम है। तब तक मिशन जारी रहेगा।
शिवराज करेंगे सदस्यता अभियान की अगुवाई
सदस्यता अभियान की अगुवाई शिवराज सिंह चौहान करेंगे, वह इसके संयोजक रहेंगे। उनके साथ इस टीम में दुष्यंत गौतम (सहसंयोजक), सुरेश पुजारी (सहसंयोजक), अरुण चतुर्वेदी (सहसंयोजक), शोभा सुरेंद्रन (सहसंयोजक) रहेंगे। जल्द ही इस टीम की बैठक होगी और फिर सदस्यता अभियान की जानकारी दी जाएगी।
भूपेंद्र यादव ने बताया कि पहले सदस्यता अभियान चलेगा और उसके बाद ही संगठन के चुनाव होंगे। बैठक में शाह ने कहा कि 2019 के चुनाव ने सारी अटकलों को पीछे छोड़ दिया। भाजपा को 220 सीटों पर 50 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं। आज पार्टी की राज्य इकाईयों की बैठक हुई जिसमें सभी राज्यों के प्रमुख, महामंत्री और राज्य प्रभारी हुए।
यूपी और बिहार प्रदेश अध्यक्ष पर अभी फैसला नहीं
साथ ही उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी मंथन होना था क्योंकि यूपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और बिहार के नित्यानंद राय अब मोदी कैबिनेट का हिस्सा हैं। इसलिए एक व्यक्ति एक पद वाला नियम यहां भी लागू हो सकता है। हालांकि, इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है।
2018 में टले थे संगठन के चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव की वजह से पिछले साल सितंबर, 2018 में होने वाले पार्टी के चुनाव टाल दिए गए थे। तब पार्टी ने तय किया था कि पद पर रहने वाले सभी लोग चुनाव नतीजों तक अपना काम जारी रखेंगे। इसको लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया था।