महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिव सेना द्वारा गठबंधन तोड़ने के बाद भाजपा ने फैसला किया है कि वह 2022 का मुंबई स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। पिछले 30 साल से देश के सबसे धनी स्थानीय निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) पर शिव सेना का कब्जा है।
गठबंधन टूटने के बाद पार्टी ने किया फैसला
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि पार्टी ने आगामी बीएमसी चुनाव अपने बल पर लड़ने का फैसला किया है। बीएमसी में हमारा मेयर होगा। पार्टी जनवरी तक सभी पदों पर नियुक्तियां कर देगी।
इस समय मेयर पद शिव सेना के पास
इस समय में बीएमसी में शिवसेना के पार्षद किशोरी पाडनेकर मेयर हैं। पाटिल को प्रदेश अध्यक्ष तब बनाया गया जब पिछले अध्यक्ष रावसाहब दानवे को नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में राज्य मंत्री के तौर पर शामिल कर लिया गया। भाजपा सूत्रों के अनुसार पाटिल को अगले जनवरी में पूरे तीन साल के कार्यकाल के लिए प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
भाजपा को 2017 में मिली थी अच्छी सफलता
2017 में बीएमसी चुनाव के दौरान भाजपा को अच्छी सफलता मिली थी। उसने 227 में से 82 सीटों पर जीत दर्ज की। इससे शिव सेना के साथ उनका अंतर कम हो गया। शिव सेना को 86 सीटें मिली थीं। बाद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के छह पार्षद शिव सेना में शामिल हो गए। जिससे उसके पार्षदों की संख्या 92 हो गई। बीएमसी में कांग्रेस के पास 30 और एनसीपी के पास 9 सीटें हैं। 2017 में भाजपा और शिव सेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और 288 पार्षदों के सदन में 161 सीटों पर जीत हासिल की थी।