कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में जेडी(एस) नेता एच डी कुमारस्वामी के मंत्री बनने को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर निशाना साधा और जानना चाहा कि किन परिस्थितियों में पार्टी की राज्य इकाई केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) का हिस्सा बनी हुई है। कुमारस्वामी ने हाल ही में केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री के रूप में शपथ ली।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जेडी(एस) पिछले सितंबर में एनडीए में शामिल हो गई थी, लेकिन सीएम विजयन और सत्तारूढ़ सीपीआई(एम) तब से इस मामले पर चुप हैं। विपक्षी नेता वी डी सतीशन ने एक तीखे बयान में विजयन पर हमला किया और कहा कि जेडी(एस) की राज्य इकाई को वाम मोर्चे में बने रहने की अनुमति देकर केवल वे ही दोहरा मापदंड दिखा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी पार्टी की "मौन अनुमति" से कुमारस्वामी केंद्रीय मंत्री बने।
माकपा पर जेडीएस को "राजनीतिक संरक्षण" देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मार्क्सवादी पार्टी और मुख्यमंत्री विजयन एनडीए सहयोगी के खिलाफ कुछ नहीं कर सकते, जब उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांचे जा रहे मामले उनके सिर पर डेमोकल्स की तलवार की तरह लटक रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि एलडीएफ-एनडीए का गठबंधन केरल पर शासन कर रहा है।
सतीसन यह भी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री और माकपा के राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व यह स्पष्ट करें कि किन परिस्थितियों में जेडीएस एलडीएफ का हिस्सा बनी हुई है। राज्य में सत्तारूढ़ वामपंथ की सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) की केरल इकाई ने पिछले साल ही भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के राष्ट्रीय नेतृत्व के फैसले को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह पार्टी की राष्ट्रीय पूर्ण बैठक द्वारा अपनाए गए राजनीतिक प्रस्ताव के विपरीत है।