कश्मीर के माकपा नेता यूसुफ तरीगामी की तबीयत खराब होने पर उन्हें दिल्ली लाया गया। तरीगामी एक महीने से अधिक समय से श्रीनगर में नजरबंद थे और बीमार चल रहे थे। उन्हें सोमवार को (आज) कश्मीर से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित कर दिया गया।
पिछले महीने सीपीआई (एम) के नेता सीताराम येचुरी के घाटी के दौरे के बाद दायर हलफनामे का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित अधिकारियों को तरीगामी के बेहतर इलाज के लिए उन्हें दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। बता दें कि बीती 28 अगस्त को शीर्ष अदालत ने सीपीआई (एम) को तरीगामी से मिलने और उसके बाद उनकी सेहत की स्थिति पर एक हलफनामा दायर करने के लिए जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति दी थी।
वापस आकर उनके द्वारा दायर हलफनामे पर ध्यान देते हुए, शीर्ष अदालत ने उन्हें "जल्द से जल्द" एम्स में स्थानांतरित करने का आदेश दिया। तरीगामी अनुच्छेद 370 में संशोधन और जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद से नजरबंद थे। वह सीपीआई (एम) की केंद्रीय समिति के सदस्य हैं और चार बार जम्मूू-कश्मीर विधानसभा विधायक रह चुके हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 महत्वहीन करने के बाद कई विपक्षी नेताओं ने वहां के हालात देखने और उसकी समीक्षा के लिए जाने का प्रयास किया था। लेकिन केवल माकपा महासचिव सीताराम येचुरी को ही वहां जाने और पार्टी के नेता यूसुफ तारिगामी से मिलने की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सशर्त अनुमति दी गई थी। धारा 370 खत्म होने के बाद अन्य विपक्षी नेताओं को घाटी का दौरा करने की अनुमति नहीं दी गई थी। इस बात की पुष्टि बीते 30 अगस्त को कश्मीर से लौटकर येचुरी ने भी की थी। उस समय उन्होंने पत्रकारों से बहुत सीमित बात की। जबकि राहुल गांधी, गुलाम नबी आज़ाद सहित कई नेताओं ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए घाटी का दौरा करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे से वापस भेज दिया गया। हालांकि उससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कांग्रेस के राहुल गांधी को बाकायदा आमंत्रित किया था।