एएनआई के मुताबिक, मायावती ने कहा कि बिहार और उससे पहले प्रदेश के अन्य राज्यों में जो कुछ भी राजनैतिक घटनाक्रम आए दिन हो रहे हैं, यह सब देश के लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।
जो कुछ हो रहा है लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं, देश की आम जनता को आगे आकर लोकतंत्र को कमज़ोर होने से बचाना होगा: मायावती #NitishKumar pic.twitter.com/snGRHP4QEZ
— Bahujan Samaj Party (@BspUp2017) July 27, 2017
भाजपा पर हमला करते हुए मायावती ने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर सत्ता के लिए सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मणिपुर और गोवा के बाद बुधवार को बिहार में जो कुछ भी हुआ वह इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार में लोकतंत्र का भविष्य खतरे में है।
बसपा सुप्रीमो ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस तरह के राजनैतिक घटनाक्रम से देश का लोकतंत्र मजबूत होने की बजाय कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि अब देश की जनता को ही आगे आकर इसे कमजोर होने से बचाना होगा। अगर जनता ऐसा नहीं करती है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान जनता को ही होगा न कि राजनैतिक पार्टियों और उनके नेताओं को।
वहीं, मायावती ने कहा कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा से मिलकर सरकार बनाकर सही नहीं किया। बिहार की जनता ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर को नकारते हुए धर्मनिरपेक्ष ताकतों को प्रचंड बहुमत दिया था और इस बहुमत का पांच साल तक सम्मान होना चाहिए था।
गौरतलब है कि गौरतलब है कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और सोनिया गांधी की कांग्रेस से मिलकर बना बिहार महागठबंधन बुधवार को उस समय बिखर गया, जब शाम को नीतीश ने सार्वजनिक तौर पर पद से इस्तीफा दे दिया।
इस दौरान नीतीश ने तेजस्वी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें सार्वजिनक तौर पर अपने ऊपर लगे आरोपों की सफाई देनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसलिए मजबूरी में इस्तीफा देना पड़ रहा है। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के कुछ ही घंटे बाद नीतीश को भाजपा का समर्थन मिला और गुरुवार को नीतीश ने छठी बार बिहार के सीएम के रुप में शपथ ग्रहण की।