भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भोपाल से सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया। उन्होंने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का ‘देशभक्त' के तौर पर हवाला दिया, जिसको लेकर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। प्रज्ञा ठाकुर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी ऐसा बयान दे चुकी हैं। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह कभी उन्हें (प्रज्ञा ठाकुर) मन से माफ नहीं कर पाएंगे।
सदन में जब द्रमुक सदस्य ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया तो प्रज्ञा अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और कहा कि ‘देशभक्तों’ का उदाहरण मत दीजिए। इस पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने आपत्ति जतायी और यह आरोप लगाते हुए सुने गये कि उन्हें (प्रज्ञा) को प्रधानमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भोपाल से भाजपा सदस्य प्रज्ञा को बैठने का इशारा करते नजर आए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से बैठने की अपील करते हुए कहा कि सिर्फ ए राजा की बात रिकॉर्ड में जा रही है।
पहले भी गोडसे को बता चुकी हैं ‘देशभक्त’
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी प्रज्ञा ठाकुर पहले भी गोडसे को ‘देशभक्त' बता चुकी हैं जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर या जो भी इस तरह का बयान देगा उसे माफ नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि गांधी जी या गोडसे के बारे में जो भी बात की गई या जो भी बयान दिये गये, ये बहुत ही खराब हैं। उन्होंने कहा, इस तरह के बयान हर प्रकार से घृणा के लायक हैं। आलोचना के लायक हैं, सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती है. इस प्रकार की सोच नहीं चल सकती। इसलिए ऐसा करने वालों को सौ बार आगे सोचना पड़ेगा। साथ ही प्रज्ञा ठाकुर शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान की वजह से भी निशाने पर आई थीं।