महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के रूझानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार तो बनाने जा रही है लेकिन परिणाम उसके उम्मीदों के अनुसार नहीं आए हैं। जहां भाजपा 122 सीटों के मुकाबले 100 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। वहीं शिवसेना पिछले साल के आंकड़ों पर ही रूकती नजर आ रही है। जबकि चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा होता दिख रहा है।
पार्टी को इस बार 2014 के 41 के मुकाबले 55 सीटें मिलती दिख रही है। पूरे चुनावी अभियान में विपक्ष का एकमात्र चेहरा बने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार ने रूझानों को देखते हुए अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि जनता भाजपा की करतूतों को समझ गए हैं। लोग बेरोजगारी, कृषि संकट और भ्रष्ट्राचार से परेशान हैं। इसी का परिणाम है कि भाजपा की सीटें गठबंधन के बावजूद कम हो गई हैं। पवार का कहना है कि कठिन परिस्थितियों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी के गठबंधन ने अच्छा काम किया है। इसके लिए सभी कार्यकर्ता धन्यवाद के पात्र हैं।
'शिवसेना से कोई समझौता नहीं'
एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा शिवसेना से गठबंधन पर कोई फैसला नहीं किया गया है। हमारे पास अपना अच्छा साथी है हम उसी के साथ आगे की रणनीति तैयार करेंगे। ऐसे में शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देकर समर्थन देने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।
'जनता ने भाजपा के 220 प्लस को नकारा'
पवार के कहना है कि इन रूझानों से साफ है कि जनता ने भाजपा के 220 प्लस के दावे को नकार दिया है। लोग कुछ भी कहते रहे, जनता ने अपने मन की बात बता दी है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने सारे हथकंडे अपनाए। जिससे विपक्ष कमजोर हो जाए। इन परिस्थितियों में भी हमने अच्छा प्रदर्शन किया है।