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राहुल गांधी को मिली राहत, भाजपा द्वारा दायर मानहानि मामले में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने दी जमानत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मुख्यधारा के समाचार पत्रों में "अपमानजनक" विज्ञापन जारी करने के लिए...
राहुल गांधी को मिली राहत, भाजपा द्वारा दायर मानहानि मामले में बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट ने दी जमानत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मुख्यधारा के समाचार पत्रों में "अपमानजनक" विज्ञापन जारी करने के लिए भाजपा की कर्नाटक इकाई द्वारा दायर एक मामले में शुक्रवार को बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी।

पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले दिए गए विज्ञापन में राज्य की तत्कालीन भाजपा सरकार पर 2019-2023 के शासनकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था।

अदालत ने एक जून को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जो राज्य कांग्रेस प्रमुख भी हैं, को मानहानि मामले के सिलसिले में अदालत में पेश होने के बाद जमानत दे दी थी। न्यायाधीश के एन शिवकुमार ने गांधी को सात जून को अनिवार्य रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था।

इससे पहले कांग्रेस के वकील ने कहा था कि राहुल गांधी नई दिल्ली में इंडिया ब्लॉक की बैठक में और लोकसभा चुनाव में भी हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने अदालत से शनिवार (1 जून) की सुनवाई से छूट का अनुरोध किया था। उन्होंने आगे कहा था कि कांग्रेस नेता अगली तारीख पर उपस्थित होंगे, जिसके बाद कोर्ट ने राहुल गांधी ने 7 जून को उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

मानहानि मामले में एक जून को कोर्ट ने सिद्धारमैया और शिवकुमार को जमानत दे दी थी। जस्टिस केएन शिवकुमार ने राहुल गांधी को सात जून को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया था। गत सप्ताह मामले की सुनवाई के दौरान गांधी के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल के लिए उपस्थिति से छूट के आवेदन दिया था। हालांकि शिकायतकर्ता पक्ष ने विरोध करते हुए दलील दी थी कि छूट की अनुमति बार-बार नहीं दी जानी चाहिए।

जानें क्या है पूरा मामला

आरोप हैं कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ मुख्य समाचार पत्रों में झूठे विज्ञापन दिए थे। इस विज्ञापनों में सभी लोकनिर्माण कार्यों में 40 फीसदी कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने 'भ्रष्टाचार रेट कार्ड' भी प्रकाशित किया गया था। राहुल गांधी ने भी सोशल मीडिया पर इन पोस्ट को शेयर किया था। 1 जून को हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धारमैया और शिवकुमार कोर्ट में मौजूद थे, लेकिन तब राहुल गांधी पेश नहीं हुए थे। जिस पर भाजपा के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि राहुल गांधी को सीआरपीसी 205 के तहत छूट नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह दूसरी बार उपस्थित नहीं हुए हैं।

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