राफेल डील मामले को लेकर कांग्रेस लगतार केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई है। कांग्रेस शुक्रवार को फिर एक बार इस मामले को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और उन पर देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया।
भारतीय रक्षा कंपनी को मिला 1,30,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट : कांग्रेस
राफेल विमान सौदे में कथित अनियमितता को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निरंतर हमले कर रही कांग्रेस ने आज दावा किया कि इस लड़ाकू विमान सौदे के संदर्भ में एक नामी भारतीय समूह की रक्षा कंपनी को कुल 1,30,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला है।
'राष्ट्रीय हितों के साथ हुए खिलवाड़' पर पीएम मोदी दें जवाब'
पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि 'राष्ट्रीय हितों के साथ हुए खिलवाड़' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए। सुरजेवाला ने सवाल किया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण देश से क्यों झूठ बोल रही हैं? क्या प्रधानमंत्री स्वीकार करेंगे कि एचएएल से कॉन्ट्रैक्ट छीनकर एक निजी समूह को दिया गया? क्या रक्षा मंत्री की अनुमति के बगैर ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट किया गया?'
'आए दिन खुल रही हैं राफेल सौदे की परतें'
शुक्रवार को कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कुछ दस्तावेज सामने रखते हुए मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'राफेल सौदे की आए दिन खुलती परतें प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री द्वारा बोले गए झूठ की परतें खोल रही हैं। कल्चर ऑफ क्रोनी कैपिटलिज्म (छद्म पूंजीवाद की संस्कृति) मोदी सरकार का डीएनए बन गई है। इस सौदे से सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाए जाने की बू आती है’।
इस दौरान पार्टी प्रवक्ता ने दावा किया कि फ्रांस के साथ 36 राफेल विमान की खरीद का समझौता होने के बाद इस विमान सौदे से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से लेकर एक निजी भारतीय समूह की रक्षा कंपनी को दिया गया जबकि यह कंपनी समझौते से 12 दिन पहले पंजीकृत हुई थी और उसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं है।
सुरजेवाला के मुताबिक, इस निजी भारतीय कंपनी ने पिछले साल 16 फरवरी को बयान जारी कर कहा कि उसे राफेल से जुड़ा 30 हजार करोड़ रुपये का 'ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट' और 1,00,000 एक लाख करोड़ रुपये का 'लाइफ साइकल कॉन्ट्रैक्ट' मिला है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एक सरकारी विज्ञप्ति में रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें निजी कंपनी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने की जानकारी नहीं है।