शिवसेना ने यह भी कहा कि सरकार का महत्वाकांक्षी मेक इन महाराष्ट्र कार्यक्रम अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों एवं पुलों के निर्माण के साथ शुरू होना चाहिए जिनके अभाव में कोई भी अन्य देश यहां निवेश करने का इच्छुक नहीं होगा। उसने कहा, एक दूसरे पर दोषारोपण करने और महाड त्रासदी पर केवल बैठकें करने के बजाए इस मसले पर गंभीर विचार किए जाने की आवश्यकता है। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में छपे एक संपादकीय में कहा, यदि मुख्यमंत्री वास्तव में राज्य की सड़कों एवं पुलों की स्थिति समझना चाहते हैं और उचित लेखा परीक्षा कराना चाहते हैं तो उन्हें एवं अन्य मंत्रियों को राज्य का दौरा करते समय विमानों एवं हेलीकाॅप्टरों का इस्तेमाल बंद करने की आवश्यकता है।
उसने कहा, जिले के पालक मंत्रियों को उनके जिलों में विमान से जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें टूटी फूटी सड़कों एवं पुलों से यात्रा करने और उसके बाद लेखा परीक्षा करने दीजिए क्योंकि जब मंत्रियों को जीवन का खतरा होगा तो लेखा परीक्षा एवं मरम्मत दोनों काम हो जाएंगे। पार्टी ने कहा कि यदि महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशाली राज्य में बड़ी संख्या में लोग प्राकृतिक आपदाओं में मारे जाएंगे तो सरकार को मेक इन इंडिया एवं मेक इन महाराष्ट्र कार्यक्रम का ढांचा बदलना होगा।
उसने कहा, अपने मेक इन महाराष्ट्र कार्यक्रम को पुराने एवं जीर्ण पुलों को ठीक करके शुरू करें। जब तक आप मजबूत सड़कों का निर्माण नहीं कर लेते, तब तक विदेशों से यहां धन निवेश की उम्मीद नहीं करें पार्टी ने कहा कि यदि राज्य में पिछले दो वर्ष से मजबूत सरकार है, तो उसने इस त्रासदी को रोकने के लिए क्या किया। महाड में ब्रितानी शासनकाल में बने एक पुल के ढह जाने से दो सरकारी बसें एवं कुछ निजी वाहन बह गए थे। इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने महाड त्रासदी पर शिवसेना के दोहरे मापदंडो की आलोचना की और कहा कि राज्य में पुलों एवं सड़कों की मरम्मत की भाजपा को सलाह देने से पहले उसे मुंबई में एेसा करना चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता अल नसीर जकारिया ने कहा, बीएमसी में शिवसेना के भ्रष्टाचार के कारण शहर की सड़कों पर हजारों गड्ढे हैं और यहां लोग जीवन गंवा रहे हैं। निस्संदेह वह भाजपा को सलाह देकर बड़े भाई की भूमिका निभा सकता है लेकिन उसे जिम्मेदार भाई की भूमिका निभानी चाहिए और शहर में सड़कों पर बने पुलों की मरम्मत करानी चाहिए और धन लाभ के लिए लोगों के जीवन से नहीं खेलना चाहिए।