खबर है कि रामगोविंद चौधरी का नाम नेता प्रतिपक्ष के तौर पर तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 25 मार्च को बुलाई गई है। गुरुवार को अखिलेश यादव ने जीते विधायकों से चर्चा की और हार के कारणों को जानना चाहा। कई विधायकों ने ईवीएम के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि सपा को इतनी कम सीटें मिलेगी इसका अनुमान कहीं से भी नहीं लगाया जा सकता है। आज की बैठक में यह भी तय कि 18 मार्च को हारे हुए विधायक और 19 मार्च को जिलाध्यक्षों की बैठक होगी। उस बैठक के बाद यह तय किया जाएगा कि नेता विरोधी दल कौन बनेगा।
गुरुवार की बैठक में लंबे समय बाद सपा अध्यक्ष अखिलेेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव एक साथ नजर आए। बैठक से पूर्व अखिलेश और शिवपाल के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अलग से चर्चा की। सपा के सूत्रों के मुताबिक बैठक में रामगोविंद चौधरी के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक बलिया के रहने वाले चौधरी के नाम का प्रस्ताव कई विधायकों ने दिया लेकिन अखिलेश यादव ने यह कहकर खारिज कर दिया कि पहले भाजपा मुख्यमंत्री का चेहरा तय कर ले उसके बाद नेता प्रतिपक्ष्ा का चयन किया जाएगा।