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सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात की केजरीवाल की याचिका पर प्राधिकारियों से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तिहाड़ जेल के प्राधिकारियों से दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित...
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों से अतिरिक्त मुलाकात की केजरीवाल की याचिका पर प्राधिकारियों से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को तिहाड़ जेल के प्राधिकारियों से दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले से जुड़े मामलों में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर जवाब देने को कहा जिसमें नेता ने अपने वकीलों के साथ डिजिटल माध्यम से अतिरिक्त मुलाकातें करने की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जेल प्राधिकारियों को जवाब दाखिल करने के लिए पांच दिन का समय दिया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की।

केजरीवाल ने निचली अदालत के एक जुलाई के आदेश को चुनौती दी है। केजरीवाल ने निचली अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों से सप्ताह में दो अतिरिक्त मुलाकात की अनुमति देने के लिए जेल प्राधिकारियों को निर्देश दिया जाए। निचली अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। वर्तमान में, केजरीवाल को अपने वकीलों से सप्ताह में दो बार मुलाकात की अनुमति है।

केजरीवाल के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल देश भर में लगभग 35 मुकदमों का सामना कर रहे हैं और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार के आधार पर उन्हें इन मामलों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अपने वकीलों के साथ दो अतिरिक्त मुलाकात की जरूरत है। प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने भी कहा कि वह याचिका पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं।

अदालत ने सवाल किया कि याचिका पर क्या आपत्ति है जिसके जवाब में जेल प्राधिकारियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि नियम सभी के लिए समान हैं और किसी भी कैदी को अपने वकील के साथ एक सप्ताह में दो मुलाकातों की ही अनुमति है।

उन्होंने कहा कि सभी 35 मामलों की सुनवाई एक सप्ताह में एक साथ नहीं की जा रही है, इसलिए अतिरिक्त मुलाकातों की कोई आवश्यकता नहीं है।

निचली अदालत ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के वकील यह बताने में विफल रहे हैं कि वह उन्हीं आधार पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दो अतिरिक्त मुलाकात के हकदार कैसे हैं, जिन पर पहले के आदेश में चर्चा की गई थी और निपटारा कर दिया गया था।

अलग याचिकाओं में केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत का भी अनुरोध किया है। दोनों याचिकाएं उच्च न्यायालय में लंबित हैं।  आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को सीबीआई ने 26 जून को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धन शोधन के एक मामले में अभी भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं।

केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। उन्हें धन शोधन मामले में निचली अदालत ने 20 जून को जमानत दे दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी।

दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा आबकारी नीति बनाने और क्रियान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच के आदेश देने के बाद 2022 में इस नीति को रद्द कर दिया गया था।

सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति में संशोधन करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

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