कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, हम मानते हैं कि यह धन विधेयक है। लेकिन यदि यह सरकार पारदर्शिता की जवाबदेही के किसी तत्व में यकीन करती है तो उसे राज्यसभा में इस पर चर्चा और मत-विभाजन कराना चाहिए।
अध्यादेश के स्थान पर प्रस्तावित विधेयक के बारे में कांग्रेस के रूख के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने दावा किया कि भाजपा क्यों ऐसा नहीं होने देगी, उसकी वजह है कि उसे मालूम है कि यह पराजित हो जाएगा। यह अध्यादेश बंद की गयी मुद्रा में चल रही समानांतर अर्थव्यवस्था पर रोक लगाने और चलन से हटा दिए गए बड़े पुराने नोटों के लेने या रखने पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव से जुड़ा है।
सिब्बल ने कहा, जब भाजपा लोकतंत्र और सिद्धांतों पर चलने की बात कहती है तो यह फिर भाजपा की एक विफलता है। वह सिद्धांतों की बात करते हैं। उसे मालूम है कि लोग नाखुश हैं, उसे मालूम है कि राजनीतिक दल नाखुश हैं, उसे पता है कि उसके अपने मंत्री नाखुश हैं , वह जानती है कि उसके अपने कार्यकर्ता नाखुश हैं।
उन्होंने कहा, उसे पता है कि भारत के लोग नाखुश हैं लेकिन वह राज्यसभा में चर्चा नहीं होने देंगे। यह इस सरकार और खासकर प्रधानमंत्री की मानसिकता दर्शाता है। भाषा