लेकिन नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष बने अरविन्द पनगढिय़ा का ध्यान अभी आयोग के कामकाज पर कम अपने शोध पर ज्यादा है। बताया जा रहा है कि पनगढिय़ा ने आयोग के कामकाज से छुट्टी लेकर फिलहाल अपने शोध पर ध्यान दे रहे हैं। अब सवाल यह है कि जब आयोग के उपाध्यक्ष ही नहीं है तो अन्य सदस्यों ने भी सोचा कि वह मौका क्यों चूके। इसलिए वह भी आयोग के कामकाज पर ध्यान देने की बजाय अपने ही काम करने में व्यस्त है। अब कैसे बनेगी नीतियां लगता है सबकुछ बाद में तय होगा।
कैसे चलेगा नीति आयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना आयोग को खत्म करके नीति आयोग इस उम्मीद के साथ बनाया कि देश के लिए नीतियां अच्छी और जल्दी तय होगी।

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