झारखंड के मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर जारी गहमागहमी के बीच रांची जमीन घोटाला और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिम मामले में कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची के कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास में ईडी (प्रवर्तन मंत्रालय) के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। हेमंत की संभावित गिरफ्तारी के बाद उत्तराधिकार को लेकर परिवार में ही विवाद छिड़ गया है। सुरक्षा कारणों से एहतियातन मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी दफ्तर के एक सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दिया गया है। एहतियातन शहर में सुरक्षा बलों के करीब दो हजार जवानों को तैनात किया गया है।
राजभवन से सीएम आवास बीच करीब 400 जवान तैनात हैं। इसमें रैफ, जैप, आइआरबी के अलावा जिला बल के जवान शामिल हैं। वहीं रांची में विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में पहुंचे झामुमो कार्यकर्ता मोरहाबादी और कांके रोड के चांदनी चौक में ईडी की पूछताछ के विरोध में तीर, धनुष और पारंपरिक हथियार के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर 29 जनवरी को दिल्ली आवास में ईडी की रेड के विरोध में हेमंत सोरेन से एससी एसटी थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्री भी मुख्यमंत्री आवास में डेरा डाले हुए हैं।
ईडी की सक्रियता और संभावित कार्रवाई को देखते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्ताधारी विधायकों, मंत्रियों की बैठक हुई। करीब दो घंटे चली बैठक में विधायकों ने हेमंत सोरेन के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए एकजुटता दिखाई। विपरीत परिस्थिति में किसी फैसले (किसी और को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने) के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया। बताया गया कि बैठक में विधायकों से इसके लिए सादे कागज पर दस्तखत कराया गया। इसके पहले विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल हुईं।
बैठक में उनके शामिल होने के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा तेज हो गई कि प्रतिकूल स्थिति में हेमंत सोरेन अपनी कल्पना सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बना सकती हैं। अनेक लोगों में पहले से इसकी भनक थी। बताते हैं कि इसलिए विरोध स्वरूप हेमंत सोरेन की विधायक भाभी सीता सोरेन और छोटा भाई विधायक बसंत सोरेन बैठक में शामिल नहीं हुए। ईडी के एक्शन और उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा के बीच सोरेन परिवार के घर का विवाद सतह पर आ गया है।
हेमंत सोरेन के बड़े भाई स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी और जामा से तीन टर्म से विधायक सीता सोरेन ने कल्पना सोरेन को भावी मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया है। सीता सोरेन ने कह दिया है कि यदि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह मुझे अस्वीकार्य होगा। मैं सोरेन परिवार की बड़ी बहू हूं और इसलिए मुख्यमंत्री पद पर मेरा पहला हक है। कल्पना सोरेन राजनीति में नहीं हैं। हेमंत सोरेन मेरी बेटी को आशीर्वाद क्यों नहीं देते। मेरे पति दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को सींचा है। सीता सोरेन दिल्ली में थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वे गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के संपर्क में थीं।
हालांकि उत्तराधिकार के सवाल पर हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन अभी खुलकर सामने नहीं आये हैं। इधर खबर आ रही है कि किसी उपद्रव की आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री से पूछताछ करने पहुंचे अधिकारी अपने साथ काले रंग का हेलमेट लेकर आये हैं। 10 अतिरिक्त हेलमेट भी मंगवाये गये हैं। हेमंत सोरेन से पूछताछ और कल्पना सोरेन की चर्चा के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री नहीं बन सकतीं क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम रहने के कारण गांडेय में उप चुनाव नहीं हो सकता। दरअसल गिरिडीह जिला के गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को अचानक इस्तीफा दे दिया था। उसी समय चर्चा फैली कि हेमंत सोरेन के साथ प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर कल्पना सोरेन के लिए यह सीट खाली की गई है। कल्पना सोरेन सुरक्षित सीट पर नहीं लड़ सकतीं और गांडेय असुरक्षित सीट है। बहरहाल राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से पलट रहा है। हेमंत से पूछताछ के समापन पर तस्वीर और साफ होगी।
के मुख्यमंत्री के भविष्य को लेकर जारी गहमागहमी के बीच रांची जमीन घोटाला और उससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिम मामले में कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची के कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास में ईडी (प्रवर्तन मंत्रालय) के अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। हेमंत की संभावित गिरफ्तारी के बाद उत्तराधिकार को लेकर परिवार में ही विवाद छिड़ गया है। सुरक्षा कारणों से एहतियातन मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी दफ्तर के एक सौ मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दिया गया है। एहतियातन शहर में सुरक्षा बलों के करीब दो हजार जवानों को तैनात किया गया है।
राजभवन से सीएम आवास बीच करीब 400 जवान तैनात हैं। इसमें रैफ, जैप, आइआरबी के अलावा जिला बल के जवान शामिल हैं। वहीं रांची में विभिन्न जिलों से हजारों की संख्या में पहुंचे झामुमो कार्यकर्ता मोरहाबादी और कांके रोड के चांदनी चौक में ईडी की पूछताछ के विरोध में तीर, धनुष और पारंपरिक हथियार के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर 29 जनवरी को दिल्ली आवास में ईडी की रेड के विरोध में हेमंत सोरेन से एससी एसटी थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। सत्ताधारी दल के विधायक और मंत्री भी मुख्यमंत्री आवास में डेरा डाले हुए हैं।
ईडी की सक्रियता और संभावित कार्रवाई को देखते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सत्ताधारी विधायकों, मंत्रियों की बैठक हुई। करीब दो घंटे चली बैठक में विधायकों ने हेमंत सोरेन के प्रति समर्थन जाहिर करते हुए एकजुटता दिखाई। विपरीत परिस्थिति में किसी फैसले (किसी और को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने) के लिए हेमंत सोरेन को अधिकृत किया। बताया गया कि बैठक में विधायकों से इसके लिए सादे कागज पर दस्तखत कराया गया। इसके पहले विधायकों की बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी शामिल हुईं।
बैठक में उनके शामिल होने के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा तेज हो गई कि प्रतिकूल स्थिति में हेमंत सोरेन अपनी कल्पना सोरेन को अपना उत्तराधिकारी बना सकती हैं। अनेक लोगों में पहले से इसकी भनक थी। बताते हैं कि इसलिए विरोध स्वरूप हेमंत सोरेन की विधायक भाभी सीता सोरेन और छोटा भाई विधायक बसंत सोरेन बैठक में शामिल नहीं हुए। ईडी के एक्शन और उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा के बीच सोरेन परिवार के घर का विवाद सतह पर आ गया है।
हेमंत सोरेन के बड़े भाई स्वर्गीय दुर्गा सोरेन की पत्नी और जामा से तीन टर्म से विधायक सीता सोरेन ने कल्पना सोरेन को भावी मुख्यमंत्री मानने से इनकार कर दिया है। सीता सोरेन ने कह दिया है कि यदि कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो यह मुझे अस्वीकार्य होगा। मैं सोरेन परिवार की बड़ी बहू हूं और इसलिए मुख्यमंत्री पद पर मेरा पहला हक है। कल्पना सोरेन राजनीति में नहीं हैं। हेमंत सोरेन मेरी बेटी को आशीर्वाद क्यों नहीं देते। मेरे पति दुर्गा सोरेन ने खून-पसीने से झामुमो को सींचा है। सीता सोरेन दिल्ली में थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वे गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के संपर्क में थीं।
हालांकि उत्तराधिकार के सवाल पर हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन अभी खुलकर सामने नहीं आये हैं। इधर खबर आ रही है कि किसी उपद्रव की आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री से पूछताछ करने पहुंचे अधिकारी अपने साथ काले रंग का हेलमेट लेकर आये हैं। 10 अतिरिक्त हेलमेट भी मंगवाये गये हैं। हेमंत सोरेन से पूछताछ और कल्पना सोरेन की चर्चा के बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री नहीं बन सकतीं क्योंकि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम रहने के कारण गांडेय में उप चुनाव नहीं हो सकता। दरअसल गिरिडीह जिला के गांडेय से झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर को अचानक इस्तीफा दे दिया था। उसी समय चर्चा फैली कि हेमंत सोरेन के साथ प्रतिकूल स्थिति पैदा होने पर कल्पना सोरेन के लिए यह सीट खाली की गई है। कल्पना सोरेन सुरक्षित सीट पर नहीं लड़ सकतीं और गांडेय असुरक्षित सीट है। बहरहाल राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से पलट रहा है। हेमंत से पूछताछ के समापन पर तस्वीर और साफ होगी।