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हेमंत सोरेन का मोदी पर बड़ा आरोप- मोदी केवल अपनी बात करते हैं दूसरों की नहीं सुनते

केंद्र के असहयोग के बाद झारखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन का असंतोष का घड़ा फूटा। और...
हेमंत सोरेन का मोदी पर बड़ा आरोप- मोदी केवल अपनी बात करते हैं दूसरों की नहीं सुनते

केंद्र के असहयोग के बाद झारखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन का असंतोष का घड़ा फूटा। और प्रधानमंत्री से फोन की बात को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया। हेमन्‍त सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने फोन किया। उन्‍होंने सिर्फ मन की बात की। बेहतर होता यदि वो काम की बात करते और काम की बात सुनते। जाहिर है हेमन्‍त सोरेन ने संकेत में ही अपने मन की बात जरूर कह डाली। विपक्षी पार्टी वाले राज्‍यों के साथ सौतेला व्‍यवहार को लेकर हेमन्‍त लगातार केंद्र पर हमला करते रहे हैं। अभी ताजा मामला कोरोना संक्रमण को लेकर है। केंद्र से टीका और दवाओं के मामले में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है।

रेडमेसिविर की जरूरत महसूस करते हुए हेमन्‍त सोरेन ने हाल ही केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा को पत्र लिखकर को पत्र लिखा बंगलादेश की कंपनी से 50 हजार वायल की आपूर्ति के लिए डील का हवाला देते हुए खरीद के लिए अनुमति मांगी मगर केंद्र से उसका उत्‍तर तक देना मुनासिब नहीं समझा। उसके इतर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी उस पत्र का प्रत्‍युत्‍तर देते रहे कि हेमन्‍त नहीं कंपनी को अनुमति के लिए अनुरोध पत्र और नमूना भेजना चाहिए। कोरोना वैक्‍सीन और दवा को लेकर झारखण्‍ड, केंद्र पर लगातार दबाव बनाये हुए है। राज्‍य सरकार आरोप लगाती रही है कि भाजपा शासित राज्‍यों की तुलना में झारखण्‍ड के साथ पक्षपात किया जा रहा है। रेडमेसिविर हो या टीका, जरूरत और मांग की तुलना में अपेक्षाकृत काफी कम की आपूर्ति की जा रही है। अब हेमन्‍त सोरेन अपने संसाधनों के बूते अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन पहुंचाने के लिए संजीवनी वाहन, अस्‍पतालों में अतिरिक्‍त बेड, ऑक्‍सीजन युक्‍त बेड आदि की व्‍यवस्‍था कर रहे हैं। लगातार इसी धुन में हैं।

ऐसा नहीं है कि राज्‍य के साथ पक्षपात या राज्‍य की बात नहीं सुने जाने को लेकर हेमन्‍त सोरेन ने पहलीबार आक्रमण किया हो। कोल ब्‍लॉकों की कामर्शियल माइनिंग, भाजपा शासित दूसरे प्रदेशों का डीवीसी के पास बिजली बिल मद में बड़ा बकाया रहने के बावजूद छोटे बकाया वाले झारखण्‍ड के खजाने से दो हजार करोड़ से अधिक काट लेने, मेडिकल कॉलेजों की सीटों की मान्‍यता, कोयला सेस लीज का बकाया, जनगणना में सरना आदिवासी धर्म कोड को मान्‍यता, जीएसटी आदि को ले लगातार टकराव वाले हालात रहे। इन्‍हीं कारणों से हेमन्‍त सोरेन ने सीबीआइ की डायरेक्‍ट इंट्री पर भी रोक लगाई। हेमन्‍त सोरेन के ताजा ट्वीट से एकबार फिर उपेक्षा की पीड़ा को लेकर इनका दर्द छलका है।



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