बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार को बिजली के लिए "एक राष्ट्र, एक दर" की नीति की वकालत करते हुए कहा कि इससे बिहार जैसे राज्यों को लाभ मिलेगा जिन्हें कई अन्य राज्यों की तुलना में अधिक दर पर बिजली मिलती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की संचालन परिषद की छठी बैठक को संबोधित करते हुए, कुमार ने कहा कि बिहार 2005 में केवल 700 मेगावाट बिजली का उपयोग करता था, लेकिन पिछले 15 वर्षों में परिदृश्य बदल गया है और राज्य में जून 2020 में 5,990 मेगावाट बिजली की खपत हुई है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पहली बार नवंबर 2005 में राज्य में सत्ता में आई थी। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से कई किसान दिल्ली के पास आंदोलन कर रहे हैं, जिसको लेकर कुमार ने कहा है कि कानून किसान समर्थक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "केंद्र सरकार के बिजली संयंत्रों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली बिजली की दर राज्य दर राज्य अलग-अलग होती है। एक समान नीति होनी चाहिए- एक राष्ट्र, एक दर।" उन्होंने कहा कि बिहार को अधिक दर पर बिजली मिलती है और राज्य सरकार को बिजली वितरण कंपनियों को अधिक अनुदान देना पड़ता है ताकि लोगों को किफायती दर पर बिजली मिले। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने नीति अयोग बैठक में कहा, "यह अच्छा होगा यदि पूरे राष्ट्र के लिए एकल नीति को अपनाया जाए।" कृषि कानूनों के मुद्दे पर, कुमार ने कहा, ‘‘केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून किसानों के हित में हैं।’’