कर्नाटक के आवास और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ज़मीर अहमद खान ने शुक्रवार को कहा है कि हाउसिंग स्कीम्स में अल्पसंख्यकों के लिए 15% आरक्षण का निर्णय नया नहीं है। उन्होंने बताया कि इसकी सिफारिश 2019 में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार द्वारा की गई थी।
उन्होंने आगे कहा कि सच्चर कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार पहले से ही अपनी हाउसिंग स्कीम्स में अल्पसंख्यकों को 15% आरक्षण देती है। हमने तय किया कि राज्य में भी इसे लागू किया जाए। ऐसे में हमने सिर्फ केंद्र सरकार के मॉडल को अपनाया है।
कर्नाटक कैबिनेट ने राज्य सरकार की विभिन्न हाउसिंग स्कीम्स में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की सीमा को 10% से बढ़ाकर 15% करने का निर्णय लिया है। हालांकि भाजपा इस फैसले को लेकर सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने इसे तुष्टिकरण से प्रेरित और असंवैधानिक बताया है।
खान ने अपने बयान में कहा, "2019 की गठबंधन सरकार के दौरान गठित कैबिनेट उप-समिति ने यह सिफारिश की थी। अब इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने लाया गया है और इसे मंजूरी दे दी गई है।"
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के भीतर बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके पास आवासीय सुविधा नहीं है। यह मांग काफी समय से उठ रही थी कि आरक्षण की सीमा बढ़ाई जाए। विपक्ष के हमले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वे तथ्य को समझे बिना गैरज़रूरी बयान दे रहे हैं।