दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद के करीबी अमित कात्याल को भारतीय रेलवे में जमीन के बदले कथित नौकरी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में स्वास्थ्य आधार पर बुधवार को छह हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी।
कात्याल ने अदालत में दलील दी कि वजन घटाने संबंधी ‘बेरियाट्रिक’ सर्जरी कराने के बाद उन्हें और उपचार व देखभाल की जरूरत है, जो तिहाड़ जेल में नहीं हो सकती।
न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कात्याल की अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए कहा कि उनकी आहार संबंधी आवश्यकताएं ऐसी हैं, जो जेल में मुहैया नहीं की जा सकतीं।
अदालत ने कहा कि ‘बेरियाट्रिक सर्जरी’ के बाद उन्हें पर्याप्त शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त आहार की आवश्यकता है।
अदालत ने कहा, "अपीलार्थी को जिस देखभाल, निगरानी और आपात स्थिति में उपचार की आवश्यकता है, वह फिलहाल जेल में प्रदान नहीं की जा सकती। इसमें कोई दो राय नहीं है कि लंबे समय तक जेल में, हर दिन घर का बना खाना उपलब्ध कराना काफी मुश्किल है।"
पीठ ने कहा, “अदालत चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देने की इच्छुक है।”
अदालत ने कात्याल को 2.5 लाख रुपये की जमानत राशि के साथ एक निजी मुचलका भरने का निर्देश दिया।