मध्य प्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम की ऐन मौके पर नाम वापसी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर सोमवार को तीखा हमला बोला।
पटवारी ने कहा कि भाजपा ने इंदौर में ‘‘राजनीतिक रूप से अप्राकृतिक कृत्य’’ किया है और स्थानीय मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर ‘‘नोटा’’ का बटन दबाकर इसके खिलाफ संदेश देना चाहिए।
कांग्रेस के घोषित प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ में नहीं है।
इंदौर समेत राज्य की आठ लोकसभा सीट के लिए आज सुबह सात बजे से मतदान जारी है। पटवारी ने राऊ क्षेत्र में मतदान से पहले ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘भाजपा ने इंदौर में राजनीतिक रूप से अप्राकृतिक कृत्य किया है। राजनीतिक माफिया ने देश के सामने इंदौर को बदनाम किया है। इंदौर का चुनावी घटनाक्रम देश में लोकतंत्र के खतरे में होने का ज्वलंत उदाहरण है।’’
उन्होंने इंदौर में कांग्रेस के चुनावी दौड़ से बाहर होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि स्थानीय मतदाताओं से उनका यह अधिकार छीन लिया गया है कि लोकसभा चुनाव में वह किस पार्टी को जिताना या हराना चाहते हैं।
पटवारी ने कहा, ‘‘यह भाजपा और कांग्रेस का विषय नहीं है। इंदौर का चुनाव परिणाम नियति ने पहले ही तय कर दिया है, लेकिन नोटा पर मतदाताओं के वोट से संदेश जाएगा कि अगर नेता कुछ गलत करेंगे, तो जनता देख रही है। इससे नेताओं की बुद्धि ठिकाने आ जाएगी।’’
भाजपा का पिछले 35 साल से इंदौर लोकसभा सीट पर कब्जा है जहां पार्टी ने इस बार कम से कम आठ लाख वोट के अंतर से जीत का दावा किया है। भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद शंकर लालवानी को लगातार दूसरी बार इंदौर के चुनावी रण में उतारा है। लोकसभा चुनाव में लालवानी समेत 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने यह दावा भी किया कि इस बार पार्टी सूबे की 29 में से आठ से 10 सीट जीतेगी। उन्होंने दावा किया कि देश में चौथे चरण का लोकसभा चुनाव आते-आते स्पष्ट हो गया है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार सत्ता में बरकरार नहीं रहेगी।
पटवारी ने सत्तारूढ़ भाजपा पर मतदाताओं से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘न तो देश के लोगों को हर साल दो करोड़ रोजगार मिले, न ही 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनी। देश में महंगाई बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी ज्यादा है।’’