उत्तर के नगर निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को शानदार कामयाबी मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे ऐतिहासिक जीत करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के मार्गदर्शन की देन बताया है। लेकिन चुनाव परिणामों पर बारीकी से नजर डालें तो पश्चिमी यूपी में भाजपा को कई बड़े झटके लगे हैं।
मेरठ नगर निगम के मेयर के चुनाव में बसपा की सुनीता वर्मा ने भाजपा उम्मीदवार को 15 हजार से ज्यादा मतों से हराया। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी लहर बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले मुजफ्फरनगर में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। मुजफ्फरनगर में कांग्रेस की अंजु अग्रवाल 11 हजार से ज्यादा मतों से नगर पालिका अध्यक्ष चुनी गई हैं। मुजफ्फनगर जिले की खतौली नगर पालिका अध्यक्ष सीट सपा के खाते में गई है। बागपत में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। यहां निर्दलीय प्रत्याशी राजुद्दीन एडवोकेट नगर पालिका अध्यक्ष चुने गए हैं। अलीगढ़ की मेयर सीट भी बसपा के खाते में गई है। शामली और कैराना नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार ने बाजी मारी है जबकि कांधला में बसपा की जीत हुई है। हालांकि, बड़ौत में भाजपा उम्मीदवर विजयी रहा। गढ़ मुक्तेश्वर में भी बसपा को जीत मिली है। सम्भल में भी भाजपा को झटका लगा है। यहां निर्दलीय उम्मीदवार नगर पालिका अध्यक्ष चुना गया है। हालांकि, चंदौसी में भाजपा को सफलता मिली है। रामपुर में सपा का दबदबा दिखाई दिया है। रामपुर नगर पालिका से सपा के फात्मा अजहर भाजपा की दीपा गुप्ता से करीब 3 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं।
गाजियाबाद मेयर चुनाव में भाजपा की आशा शर्मा ने कांग्रेस की डोली शर्मा करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया है। मथुरा-वृंदावन नगर निगम की मेयर सीट भाजपा के खाते में आई है। इसी तरह सहारनपुर में भी भाजपा को कामयाबी मिली है। यहां बसपा दूसरे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही। मुरादाबाद में भाजपा को जीत मिली। आगरा के मेयर पद पर भी भाजपा प्रत्याशी ने निर्णायक बढ़त बना ली थी। बरेली और झांसी मेयर सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की है। गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी विजयी रही।