दिल्ली विधानसभा में 67 सीटें जीतकर ऐतिहासिक कामयाबी हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में तगड़ा झटका लगा है।
तीन नगर निगमों की कुल 270 सीटों में से भाजपा ने 18़1 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि आम आदमी पार्टी सिर्फ 48 और कांग्रेस केवल 30 सीटें हासिल कर पाई है। कुल 6 सीटों पर निर्दलीय, 3 सीटों पर बसपा, एक-एक सीट पर सपा व इनेलो विजयी हुुई है। भाजपा को करीब 37 फीसदी, आप को 26 फीसदी और कांग्रेस को 21 फीसदी वोट मिले हैं। 40 सीटों पर आप, 92 सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई है। पांच सीटों पर भाजपा की जमानत जब्त हुई।
- उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 103 सीटों में भाजपा 64, आप 21, कांग्रेस 15, बसपा एक और अन्य को 2 सीटेें हासिल हुई हैं।
- दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में भाजपा 70, आप 16, कांग्रेस 12, इनेलो व सपा को एक-एक और निर्दलीय को 4 सीटें मिली हैं।
- पूर्वी दिल्ली नगर निगम की कुल 64 सीटों में भाजपा ने 47, आप ने 11, कांग्रेस ने तीन और बसपा ने दो सीटों पर कब्जा किया है।
भाजपा की इस जीत के नायक प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। उधर, आम आदमी पार्टी के नेता इस हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रहे हैं। इन नतीजों को केजरीवाल की दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी से जनता की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि एमसीडी पर 10 साल राज करने और दिल्ली में सफाई की बदहाली के बावजूद भाजपा को शानदार जीत मिल रही है।
आप के मनीष सिसोदिया समेत कई नेता अपने गढ़ में भी पार्टी को कामयाबी नहीं दिला पाए। गोपाल राय और आशुतोष ने आप की हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराया है जबकि भगवंत मान जैसे कई नेता आत्ममंथन करने की नसीहत दे रहे हैं।