जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में कई कश्मीरी पंडितों ने तीसरे चरण के मतदान के दौरान मंगलवार कड़ी चौकसी के बीच अनंतनाग लोकसभा से सांसद चुनने के लिए अपने मतों का प्रयोग किया। उनके लिए यहां विशेष बूथ बनाए गए थे।
यहां के बूथ पर, जहां राज्य की पुलिस और अर्द्ध सैनिक बल के जवान तैनात किए गए थै, कुल 137 कश्मीरी पंडित मतदाताओं को पंजीकृत किया गया है।
मतदान-प्रमाण के रूप में अपनी इंक लगी अंगुली दिखाते हुए एक मतदाता ने यह उम्मीद जाहिर की कि आने वाली सरकार अरसे से लंबित कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी की मांग पूरी करेगी।
एक मध्य आयु वर्ग के प्रौढ़ आदमी ने यहां एएनआइ से कहा, ‘मैं फतेहपुरा का रहने वाला हूं। सही प्रतिनिधि के लिए मतदान करना लोकतांत्रिक अधिकार है। हमारी मुख्य मांग उन कश्मीरी पंडितों की सुरक्षित वापसी है, जिन्हें तीस साल पहले गैरकानूनी तरीके से घाटी से बाहर कर दिया गया था। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार हमारी यह मांग बहाल करेगी।
बता दें कि 1990 में, आतंकियों द्वारा हिंसक और अपमानजनक वारदातों से कश्मीरी पंडितों को भारी संख्या में घाटी छोड़ने को बाध्य कर दिया गया था।
आज सुबह सात बजे से 13 राजयों और दो केंद्रशासित क्षेत्रों के कुल 116 लोकसभा सीटों के लिए आम चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है,
पीडीपी प्रमुख् और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, जो 2014 में अनंतनाग सीट से चुनी गई थीं, फिर इसी क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं। उनकी लड़ाई कांग्रेस के गुलाम अहमद और नेशनल कान्फ्रेंस के नए सदस्य हसनैन मसूद से है।
जम्मू-कश्मीर में छह लोकसभा सीट हैं, जो बारामुला, जम्मू, श्रीनगर, उधमपुर, अनंतनाग और लद्दाख के नाम से हैं।