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नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया पेश, प्रधानमंत्री नियुक्त

लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के चुने गए सांसदों...
नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति कोविंद से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया पेश, प्रधानमंत्री नियुक्त

लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद शनिवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के चुने गए सांसदों की बैठक हुई। बैठक में नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया और इससे जुड़ा पत्र नरेंद्र मोदी को सौंपा।

राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि अनुच्छेद 75 (1) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने मुझे प्रधानमंत्री नियुक्त करने का पत्र सौंपा है। देश ने मुझे भारी बहुमत दिया है और इसके साथ उनकी आकांक्षाएं भी जुड़ी हुई हैं। सबका साथ-सबका विकास वह मंत्र है जिसने देश के हर इलाके को विकास का मार्ग दिखाया है। मैं एक बार फिर देश की जनता का धन्यवाद करता हूं और उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि नई सरकार आपके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

इससे पहले एनडीए का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और मोदी को नेता चुने जाने का पत्र सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजनाथ सिंह, प्रकाश सिंह बादल, नीतीश कुमार, राम विलास पासवान, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, उद्धव ठाकरे, के पलानीस्वामी, कोनराड संगमा और नेफ्यू रियो शामिल थे।

एनडीए के 353 सदस्यों ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुना। इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संसदीय दल के नेता के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। राजनाथ सिंह एवं नितिन गडकरी ने उनके प्रस्ताव का समर्थन किया।

इसके बाद शिरोमणी अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर  पीएम नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा। एनडीए के घटक दलों के नेताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

मोदी ने संसदीय दल को किया संबोधित 

इससे पहले नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक को संबोधन दिया। पीएम मोदी ने कहा कि वे इस नई यात्रा के लिए संकल्पबद्ध हैं। इस भाषण में उन्होंने एनडीए के प्रति आभार जताया और पहली बार चुनकर आए हुए सांसदों को कई नसीहतें भी दीं। उन्होंने कहा कि बड़बोलेपन की वजह से हमने पांच साल में बहुत मसाला दिया है। वीआईपी कल्चर देश के नागरिक को पसंद नहीं आता है। साथ ही उन्होंन कहा कि मंत्री बनने के नाम पर बहकावे में ना आएं। जो नाम चल रहे हैं वे अफवाह हैं। 

मोदी ने कहा कि प्रचंड जनादेश जिम्मेदारियों को बढ़ा देता है। इसके लिए नई ऊर्जा और उमंग के साथ हमें आगे बढ़ना है। भारत के लोकतंत्र को हमें समझना होगा। भारत का लोकतंत्र, मतदाता, नागरिक, उसका जो नीर-क्षीर विवेक है, उसे किसी मापदंड से मापा नहीं जा सकता है। भारत का लोकतंत्र परिपक्व होता गया है। सत्ता का रुतबा भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है। वह मजबूरन कभी सहन कर ले लेकिन पचा नहीं पाता। सम्मान कभी नहीं देता लेकिन वह सेवाभाव को स्वीकार करता है।

'चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है'

मोदी ने कहा कि एनडीए ने मुझे अपना नेता चुना है। मैं भी बिल्कुल आप में से एक हूं। आपके बराबर हूं। आचार्य विनोबा भावे ने कहा था कि चुनाव बांट देता है। खाई पैदा कर देता है। लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है, दिलों को जोड़ने का काम किया है। यह चुनाव सामाजिक एकता का पर्याय बन गया। समता-ममता, समभाव-ममभाव के वातावरण ने इस चुनाव को नई ऊंचाई दी है। देश की जनता ने नये युग का सूत्रपात किया है, हम उसके साक्षी हैं। हम उसके रचयिता नहीं हैं। जन आकांक्षाओं को मजबूत बनाने के लिए हम कोशिश करते रहेंगे।

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