मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना रविवार को होगी। देश में आम चुनाव में अब छह महीने से भी कम समय बचा है और ऐसे में इन राज्यों के विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सत्ता में है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ है। इन तीन राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) तेलंगाना में ‘हैट्रिक’ लगाने की उम्मीद कर रही है। ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ (चुनाव बाद सर्वेक्षण) में मध्य प्रदेश में भाजपा को आगे बताया गया है और राजस्थान में कांटे के मुकाबले की संभावना व्यक्त की गई है जबकि तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया। मध्य प्रदेश की 230 सीट, छत्तीसगढ़ की 90 सीट, तेलंगाना की 119 सीट और राजस्थान की 199 सीट के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह आठ बजे मतगणना शुरू होगी।
राजस्थान में एक विधानसभा सीट पर उम्मीदवार की मृत्यु होने के कारण चुनाव टाल दिया गया था। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि मतगणना के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और केवल वैध पास रखने वाले लोगों को ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। मई में कर्नाटक में भाजपा को सत्ता से हटाने के बाद कांग्रेस की नजर मध्य प्रदेश और तेलंगाना में जीत पर है और वह राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ में सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद कर रही है। इन चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन से विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में पार्टी की स्थिति मजबूत होगी। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन बनाया गया है। भाजपा गुजरात की जीत की लय को मध्य प्रदेश में दोहराने की कोशिश कर रही है। गुजरात में भाजपा 1998 से शासन कर रही है। मध्य प्रदेश में चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर से अपनी सरकार बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। भाजपा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी जीत हासिल करने की उम्मीद कर रही है और वह लोकसभा चुनाव से पहले हिंदी भाषी राज्यों में अपनी पकड़ फिर से हासिल करना चाहती है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विश्वास जताया कि राजस्थान में भाजपा को बहुमत मिलेगा। ठाकुर ने जयपुर में कहा, ‘‘कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो चुका है। कल केवल नतीजे आने बाकी हैं। जनता जो एक अच्छी सरकार चाहती थी वह भाजपा सरकार बनाएगी।’’ इस बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने शनिवार को उन खबरों का खंडन किया, जिनमें दावा किया गया है कि उन्हें पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत की संभावना वाले कांग्रेस उम्मीदवारों को कर्नाटक के विभिन्न रिसॉर्ट और होटल में ठहराने की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। शिवकुमार उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस आलाकमान ने उनसे ‘खरीद-फरोख्त’ को रोकने के लिए अगस्त 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान गुजरात के 44 विधायकों के लिए की गई व्यवस्था की तरह फिर से प्रबंध करने के लिए कहा है। शिवकुमार ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी ने ना तो मुझे कोई जिम्मेदारी दी और ना ही मुझे कॉल किया। मुझे विश्वास है कि हम सभी राज्यों में जीत हासिल करेंगे।’’
मध्यप्रदेश
अधिकारियों ने बताया सभी 230 विधानसभा सीट के लिए मतगणना रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच 52 जिला मुख्यालयों पर शुरू होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ जैसे राजनीतिक दिग्गजों सहित 2,533 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। चौहान ने दावा किया कि उनकी पार्टी ‘‘भारी बहुमत’’ के साथ सत्ता बरकरार रखेगी, जबकि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमल नाथ ने कहा कि उन्हें राज्य के मतदाताओं पर ‘‘पूरा भरोसा’’ है। राज्य की 230 सीट में से 47 अनुसूचित जनजाति के लिए और 35 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। मुख्यमंत्री चौहान (बुधनी सीट से) और कमल नाथ (छिंदवाड़ा) के अलावा तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी विधानसभा चुनाव लड़ा हैं। इंदौर-1 से चुनाव लड़ने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के तीन लोकसभा सदस्यों – राकेश सिंह, गणेश सिंह और रीति पाठक की चुनावी किस्मत का भी कल फैसला होगा। राज्य में 17 नवंबर को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव कराये गये थे।
राजस्थान
राजस्थान में 199 विधानसभा सीट पर हुए मतदान में वोटों की गिनती रविवार को की जाएगी। इन सीट पर कुल 1862 उम्मीदवार अपना चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में माना जा रहा है। बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से इस राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है… एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए मतगणना केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से सभी केंद्रों पर मतपत्र और 8.30 बजे से ईवीएम के जरिए डाले गए मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। राज्य की 200 में से 199 विधानसभा सीट पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था। राज्य की करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को मतों की गिनती होगी और प्रदेश में ज्यादातर सीटों पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना है। राज्य में कांग्रेस सत्ता में वापसी करने का दावा कर रही है। पार्टी को विश्वास है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पार्टी ने किसान, आदिवासी, और गरीबों के लिए काम किया है, जिसके दम पर एक बार फिर यहां कांग्रेस की सरकार बनेगी। राज्य में चुनाव और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने बताया, ‘‘राज्य के सभी 33 जिलों, खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में मतगणना केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।’’ राज्य विधानसभा की 90 सीट के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘सभी 90 सीट के लिए 33 जिला मुख्यालयों में सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होगी, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।’ उन्होंने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र पर तीन स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रमन सिंह समेत कुल 1,181 उम्मीदवारों का फैसला होगा। मुख्यमंत्री बघेल के प्रतिनिधित्व वाली पाटन सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है, जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री के दूर के भतीजे और पार्टी सांसद विजय बघेल को मैदान में उतारा है। वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भी मैदान में हैं।
तेलंगाना
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में 2,290 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें बीआरएस प्रमुख चंद्रशेखर राव, उनके बेटे और सरकार में मंत्री के. टी. रामा राव, तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ए. रेवनाथ रेड्डी और भाजपा के लोकसभा सदस्य बंडी संजय कुमार, डी. अरविंद और सोयम बापू राव शामिल हैं। बीआरएस ने राज्य की सभी 119 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चुनाव पूर्व समझौते के तहत भाजपा और जनसेना ने क्रमश: 111 और आठ सीट पर चुनाव लड़ा है। वहीं, कांग्रेस ने अपनी सहयोगी पार्टी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को एक सीट दी। असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम नौ विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में थी। केसीआर (चंद्रशेखर राव) दो विधानसभा क्षेत्रों-गजवेल व कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं जबकि रेवंत रेड्डी-कोडंगल और कामारेड्डी से चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने अपने विधायक एटाला राजेंदर को हुजूराबाद के अलावा गजवेल से भी मैदान में उतारा, जहां से वह मौजूदा विधायक भी हैं। तेलंगाना में 30 नवंबर को हुए चुनाव में कुल 3.26 करोड़ मतदाताओं में से 71.34 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ था।