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हरियाणा में फिर खिलेगा कमल या कांग्रेस करेगी वापसी? शुरुआती रुझानों में भाजपा ने छुआ बहुमत का आंकड़ा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ जाएंगे। वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में...
हरियाणा में फिर खिलेगा कमल या कांग्रेस करेगी वापसी? शुरुआती रुझानों में भाजपा ने छुआ बहुमत का आंकड़ा

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आज आ जाएंगे। वोटों की गिनती जारी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस-भाजपा में कांटे की टक्कर दिखी। हालांकि, अब भाजपा रुझानों के मुताबिक बहुमत के पार पहुंच गई है।

अब देखना यह है कि हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक लगेगी या कांग्रेस की वापसी होगी। गौरतलब है कि ज्‍यादातर एग्जिट पोल्‍स के अनुसार, हरियाणा में कांग्रेस को बहुमत मिलता देखा गया। ऐसे में एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस भी 10 साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। बता दें कि पांच अक्‍टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 67.90 प्रतिशत वोटिंग हुई।

क्या कहते हैं रुझान?

भारत निर्वाचन आयोग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुरुआतों रुझानों में अब भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस को पछाड़ दिया है। बीजेपी बहुमत के आंकड़े तक पंहुच गई है। भाजपा 48 सीटों पर जबकि कांग्रेस 36 सीटों पर आगे चल रही है।

 

तीसरी बार बनाएंगे सरकार- नायब सिंह सैनी का दावा

हरियाणा में एग्जिट पोल कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखा रहे हैं, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा आठ अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब नतीजे घोषित होंगे तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी।

कांग्रेस अपने दम पर लाएगी बहुमत- भूपेंद्र सिंह हुड्डा 

पूर्व सीएम और कांग्रेस उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि कांग्रेस सरकार बनाएगी। कांग्रेस भारी अंतर से सरकार बनाएगी। मौजूदा रुझानों के अनुसार, कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। पार्टी (सीएम चेहरा) तय करेगी। कांग्रेस अपना बहुमत लाएगी। इसका श्रेय पार्टी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, सभी पार्टी नेताओं और हरियाणा की जनता को जाता है।"

कांटे की टक्कर

लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। इस चुनाव के परिणाम का इस्तेमाल विजेता द्वारा अन्य राज्यों में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया जाएगा, जहां अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं।

इस चुनाव में मुख्य पार्टियां भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो)-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जजपा)-आजाद समाज पार्टी (आसपा) हैं। ज्यादातर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है।

बाद में एक आधिकारिक बयान में सीईओ अग्रवाल ने कहा कि राज्य के 22 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों में 93 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बयान में कहा गया है कि बादशाहपुर, गुरुग्राम और पटौदी विधानसभा सीटों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र स्थापित किया गया है। मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं।

मतगणना की प्रक्रिया

सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जाएगी, उसके 30 मिनट बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती की जाएगी। सीईओ ने कहा कि मतगणना के प्रत्येक चरण की सटीक जानकारी समय पर अपलोड की जाएगी।

हरियाणा की 90 सीट पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं सहित कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन सीटों पर पांच अक्टूबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था।

हरियाणा पुलिस के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि मतगणना के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है और हर केंद्र पर पर्याप्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। कपूर ने कहा कि इन केंद्रों के आसपास यातायात को प्रबंधित करने के लिए यातायात को दूसरे मार्ग से भेजने की योजना भी तैयार की गई है।

एग्जिट पोल ने क्या बताया?

कई एग्जिट पोल ने हरियाणा में कांग्रेस की जीत का अनुमान जताया है, जहां 67.90 प्रतिशत मतदान हुआ।

एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा आठ अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब आठ अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी।

दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है। हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।

भाजपा नेताओं के इस दावे पर कि उनकी पार्टी सत्ता में वापस आएगी, हुड्डा ने पूर्व में कहा था, ‘‘भाजपा और क्या कहेगी? उन्हें नतीजे आने के बाद पता चल जाएगा।’’

इनेलो-बसपा गठबंधन ने भी दावा किया है कि नतीजे घोषित होने के बाद वह अगली सरकार बनाएगा, जबकि जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताया है कि उनके गठबंधन को जीत मिलेगी।

हरियाणा में अपने बलबूते चुनाव लड़ने वाली आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल दावा करते रहे हैं कि उनकी पार्टी के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती।

सीईओ अग्रवाल ने कहा कि 93 मतगणना केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 30 कंपनियां तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य भर के मतगणना केंद्रों पर करीब 12,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं।

अग्रवाल ने बताया कि प्रत्येक मतगणना केंद्र के 100 मीटर के दायरे में जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। सभी 90 ‘स्ट्रांगरूम’ में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जहां ईवीएम रखी गई हैं, ताकि सभी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखी जा सके।

सोमवार को उपायुक्तों और जिला चुनाव अधिकारियों के साथ मतगणना की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक हुई। अग्रवाल ने कहा कि अधिकारियों को मतगणना प्रक्रिया से संबंधित किसी भी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है

इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि सत्ता में उसकी वापसी सुशासन, पारदर्शी प्रशासन, समान विकास, योग्यता के आधार पर नौकरी, किसानों, गरीबों और कमजोरों सहित सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी पहल के अपने रिकॉर्ड के दम पर होगी।

हालांकि, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा नीत सरकार को विफल करार दिया है और किसानों, बेरोजगारी, अग्निवीर, महंगाई, कानून-व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर उसे निशाना बनाया है।

चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), इनेलो के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जजपा के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों के कुछ बागी भी मैदान में उतरे हैं।

इससे पहले वर्ष 2019 में भाजपा ने जजपा के समर्थन से सरकार बनाई थी, जबकि अधिकतर निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया था। हालांकि, इस साल मार्च में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद जजपा का भाजपा के साथ गठबंधन खत्म हो गया।

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