बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि भाजपा और जद (यू) के कनिष्ठ सहयोगी के रूप में राजग में होने के कारण उन्हें घुटन हो रहा है, क्योंकि उन्हें पद (मुख्यमंत्री) छोड़ने का अफसोस है।
फिलहाल बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा में उनके 4 विधायक हैं। उन्होंने कहा कि अगर हमारे बड़े भागीदारों द्वारा हमारा समर्थन मांगा जाए तो हम आगामी विधान परिषद चुनावों में उचित उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं।
गौरतलब है कि मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन नीतीश कुमार कैबिनेट में मंत्री हैं। 1980 के दशक से राजनीति में सक्रिय, मांझी ने कई मुख्यमंत्रियों के तहत एक मंत्री के रूप में कार्य किया है। मांझी की महिमा का क्षण मई 2014 में आया था, जब नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनावों में जद (यू) की हार के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और इसके बाद मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।
हालांकि, इसके बाद के महीनों में बिहार में भारी राजनीतिक मंथन हुआ और नीतीश कुमार ने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद के साथ गठबंधन किया। उस समय तक, मांझी को अस्थिर के रूप में देखा जाने लगा था और कई लोगों ने आरोप लगाया था कि वे भाजपा के साथ बहुत अधिक मिलनसार हो गए थे।