आपातकाल की घोषणा की 45वीं बरसी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर हमला बोला है। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया है। वहां नेता घुटन महसूस कर रहे हैं। इसके साथ ही अमित शाह ने कांग्रेस को आत्मचिंतन की नसीहत दी है।
आपातकाल को याद करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, '45 साल पहले इस दिन सत्ता की लालच में एक परिवार ने देश में आपातकाल लागू कर दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, मुक्त भाषण ... सब समाप्त हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए।'
'कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया'
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, 'लाखों लोगों के प्रयासों के कारण आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था, मगर कांग्रेस में लोकतंत्र बहाल नहीं हो पाया। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।'
'कांग्रेस में नेता घुटन अनुभव कर रहे हैं'
कांग्रेस कार्य समिति का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा, 'सीडब्ल्यूसी की हालिया बैठक के दौरान कुछ सदस्यों ने कुछ मुद्दों को उठाया, मगर उनकी आवाज को दबा दिया गया। पार्टी के एक प्रवक्ता को बिना सोचे समझे बर्खास्त कर दिया गया। दुखद सच्चाई यह है कि कांग्रेस में नेता घुटन अनुभव कर रहे हैं।'
'पार्टी को खुद से सवाल पूछने की ज़रूरत'
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'भारत के विपक्षी दलों में से कांग्रेस को खुद से कुछ सवाल पूछने की जरूरत है। आपातकाल जैसी विचारधारा अभी भी क्यों पार्टी में है? ऐसे नेता जो एक वंश के नहीं हैं, बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में नेता क्यों निराश हो रहे हैं? यदि वह सवाल नहीं पूछते हैं तो लोगों से उनका जुड़ाव और कम हो जाएगा।'