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याकूब की फांसी पर सियासत तेज

मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।
याकूब की फांसी पर सियासत तेज

हैदराबाद से निकल कर पूरे देश में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश कर रही पार्टी एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी तो खैर इस मुद्दे पर लगातार यह इल्जाम लगाते ही रहे हैं कि याकूब के मामले में इंसाफ नहीं हुआ है और उन लोगों को भी फांसी दी जानी चाहिए जिन्होंने 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाई थी। फांसी के बाद कांग्रेस, भाजपा, सपा और बसपा के नेताओं की ओर से भी जमकर बयानबाजी हुई। बॉलीवुड के गायक अभिजीत भट्टाचार्य तो शालीनता की सभी मर्यादाएं लांघ गए और बुधवार की रात याकूब को बचाने के लिए आखिरी प्रयास करने वाले वकील प्रशांत भूषण को फटे जूते से पीटने तक की धमकी टि्वटर पर दे डाली। उन्होंने भूषण के खिलाफ तीखी टिप्पणियां की।

फांसी के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने तो टि्वटर पर बयान जारी कर इस फांसी को राज्य प्रायोजित हत्या तक करार ‌दे दिया। थरूर ने कहा, वह इस खबर से काफी दुखी हैं कि हमारी सरकार ने एक मनुष्य को फांसी दे दी। राज्य प्रायोजित हत्या ने हम सबको एक हत्यारे की श्रेणी में ला खड़ा किया है। उन्होंने यह भी लिखा कि वह सिद्धांततः फांसी का विरोध करते हैं। वैसे ये वहीं थरूर हैं जो पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में मंत्री थे और उस दौरान अफजल गुरु और अजमल कसाब की फांसी उन्हें कतई राज्य प्रायोजित हत्या नहीं लगी थी।

दूसरी ओर अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फांसी की पूरी प्रक्रिया की गति पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी की और कहा कि इस मामले की तेजी अनुकरणीय है मगर देखना है कि क्या दूसरे मामलों में भी सरकार और न्यायपालिक ऐसी ही तेजी दिखाएंगे। दिग्विजय सिंह ने यहां तक कहा कि सरकार और न्यायपालिका की साख दांव पर है। दिग्विजय ने कहा, याकूब मेमन को फांसी दी गयी। सरकार और न्यायपालिका ने आतंक के एक आरोपी को सजा देने में अनुकरणीय तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार और न्यायपालिका आतंकवाद के सभी मामलों में ऐसी ही अनुकरणीय तत्परता और प्रतिबद्धता दिखाएंगे चाहे आरोपी का कोई भी जाति एवं धर्म क्यों न हो। हालांकि उन्होंने यह भी कह डाला कि आतंकवाद के अन्य आरोपियों पर जिस तरह मामला चल रहा है उसको लेकर मेरे मन में संदेह है।

कांग्रेस के इन नेताओं के बयानों के बाद जाहिर है कि भाजपा की ओर से जवाबी बयानबाजी होनी ही थी और इसका जिम्मा संभाला कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने। जहां रविशंकर प्रसाद ने दिग्विजय को निशाने पर लिया वहीं राजीव प्रताप रूडी ने थरूर के खिलाफ मोर्चा खोला। दोनों ही नेताओं ने कहा कि फांसी से पहले याकूब मेमन को बचाव में अपना पक्ष रखने का जितना मौका दिया गया वह पूरे देश ने देखा।

याकूब मेनन की फांसी पर कांगे्रसी नेताओं दिग्विजय सिंह और शशि थरूर की टिप्पणियों के लिए भाजपा ने आज उनकी आलोचना की है और कहा है कि इन नेताओं की टिप्पणियां उन लोगों का अपमान है, जो आतंकवाद से छुटकारा पाना चाहते हैं। भाजपा ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह की राजनीति खेदजनक है।

रविशंकर प्रसाद ने सिंह की टिप्पणियों के लिए उनपर हमला बोलते हुए कहा, न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाने की कोशिश की जा रही है और सिंह की कोशिश न्यायिक प्रक्रिया और राजनीति को एक ही पंक्ति में ला खड़ा करने की है। यह खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि वह थरूर के ट्वीटों को नजरंदाज करते हैं मगर सिंह की टिप्पणियों को नहीं कर सकते क्योंकि सिंह कांग्रेस के महासचिव हैं, सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सलाहाकार हैं। प्रसाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने रात तीन बजे सुनवाई की, जो कि अभूतपूर्व थी। इस सुनवाई में न्यायालय ने फांसी पर रोक लगाने के लिए उसके वकीलों द्वारा किए जा रहे अंतिम प्रयासों को भी खारिज कर दिया।

दूसरी तरफ रूडी ने कहा कि वह थरूर की टिप्पणियों पर हैरान हैं। उन्होंने इन टिप्पणियों को अजीब करार दिया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा, क्या आतंकवाद को राजनीति से परे रख सकते हैं? क्या संसद के एक वरिष्ठ सदस्य के एक ट्वीट से न्याय प्रक्रिया को खारिज किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि मेमन के मामले में न्यायिक प्रक्रिया को पूरा किए जाने के बाद उसे आज फांसी दी गई है। थरूर पर निशाना साधते हुए रूडी ने कहा कि वह कई मामले देखते रहे हैं और उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पता होना चाहिए। उन्हें ऐसे समय किसी मुद्दे पर बहस नहीं करनी चाहिए, जब उसका निपटान हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मुंबई विस्फोट अभियुक्त के बारे में कांग्रेस नेताओं का गैर जिम्मेदाराना बयान चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सोनिया गांधी राष्ट्र के समक्ष स्पष्टीकरण देंगी।

वैसे दिग्विजय सिंह ने अपने अन्य ट्वीटों में एक ही दिन मेमन की फांसी और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के अंतिम संस्कार के बीच इत्तेफाक का उल्लेख किया और भारतीयों को उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा, क्या इत्तेफाक है...दो भारतीय मुसलमानों का अंतिम संस्कार एक दिन हो रहा है। डॉ. कलाम ने हर भारतीय को अपने योगदान से गौरवान्वित किया...और आतंकवाद में संलिप्त लोगों के साथ जुड़कर याकूब मेमन ने पूरे समुदाय को शर्मसार किया। हर भारतीय के लिए एक सीख है कि हिंसा और आतंकवाद वाले धार्मिक कट्टरपंथ से दूर रहे। उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक बनें। पहले भारतीय बनें। नफरत और हिंसा से दूर रहें। गांधीवादी बनें। करुणा, प्यार और अहिंसा की विचारधारा को अपनाइये।

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