शिवसेना ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। उपराष्ट्रपति चुनाव में गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्षी दलों की ओर से उम्मीदवार बनाए जाने पर शिवसेना ने कटाक्ष किया है।
याकूब की फांसी पर संशय बरकरार। राष्ट्रपति द्वारा बुधवार को दया याचिका खारिज करने के बाद कई वकील गुरूवार सुबह याकूब को होने वाली फांसी पर रोक लगाने के लिए देर रात मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे। आधी रात को सुप्रीम कोर्ट फिर से खोला गया। मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने तीन जजों की बेंच गठित की है।
याकूब की फांसी पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आधी रात के बाद हुई ऐतिहासिक सुनवाई खत्म। गुरूवार की सुबह याकूब की फांसी को कुछ दिनों के लिए रुकवाने की कुछ वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की याचिका खारिज हो गई। अब इसके बाद कुछ ही घंटों में याकूब को फांसी लगना तय है।
मुंबई के 1993 के बम धमाकों के आरोपी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की फांसी पर यूं तो पिछले कई दिनों से राजनीति जमकर हो रही है मगर गुरुवार को उसे फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद तो जैसे नेताओं में बयानबाजी की होड़ ही लग गई।
सुप्रीम कोर्ट में याकूब मेमन की क्यूरेटिव याचिका रद्द करने और मृत्यु वारंट बहाल रखने के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर और आम गपशप में यह सवाल भी उठया जा रहा है कि कहीं पंजाब के आतंकी हमले से अदालत की राय तो प्रभावित नहीं हुई। हालांकि आमतौर पर माना जाता है कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा अपने तर्क और विवेक के आधार पर फैसले देता है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार की देर रात याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति भवन से याचिका खारिज होने के बाद फांसी की सजा से बचने के सारे दरवाजे उसके लिए बंद हो चुके हैं। याकूब को गुरुवार की सुबह नागपुर में फांसी लगना अब लगभग तय है। हालांकि उसके वकीलों समेत देश के कई जाने माने वकीलों ने बुधवार की देर रात एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उधर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद नागपुर में याकूब की मृत्यु वारंट पर अमल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। आखिरी कोशिश के तहत प्रशांत भूषण समेत कई वकीलों ने चीफ जस्टिस से मिलने का समय मांगा।
1993 बम धमाकों में मिली फांसी की सजा पर रोक के लिए दायर याकूब मेमन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय जजों की एक पीठ ने सुनवाई की। दोनें पक्षों को सुनने के बाद पीठ के दोनों सदस्य जज किसी एक फैसले पर एकमत नहीं हो पाए। इस वजह से पीठ के दोनों जजों ने अलग अलग निर्णय सुनाया और मामले को मुख्य न्यायाधीश को सुनवाई के लिए हस्तांतरित किया। मुख्य न्यायाधीश ने मामले को न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, प्रफुल्ल सी. पंत और अमिताव रॉय की पीठ को भेजा है जो 29 जुलाई को इसपर सुनवाई करेंगे।
1993 के मुंबई बम धमाकों में फांसी की सजा पाया आतंकी याकूब मेमन इस सजा से बचने के लिए हर संभव उपाय आजमा रहा है। मंगलवार को जहां उसने महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव के सामने दया याचिका लगाई वहीं गुरुवार को एकबार फिर से उसने सुप्रीम कोर्ट में फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर की है।