कांग्रेस छोड़ने की पूरी तैयारी कर चुके जोगी ने मीडिया से कहा कि मैं अपने समर्थकों की मांग पर यह फैसला ले रहा हूं। आज की कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही। प्रदेश स्तर के नेताओं की कोई सुनने वाला नहीं है। जोगी के कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर जो भी आरोप हों वास्तविकता यह है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से अब तक लगातार वे पार्टी में उपेक्षा का शिकार होते रहे हैं। हाल ही में अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा टिकट के लिए दावेदारी भी की थी। लेकिन टिकट मिलना तो दूर कांग्रेस ने उनसे राज्यसभा सीट पर प्रत्याशी चयन के लिए भी चर्चा तक नहीं की।
इस वर्ष की शुरुआत में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनके विधायक पुत्र अमित जोगी को अंतागढ़ टेपकांड मामले में दोषी मानकर पार्टी की सदस्ता से निष्कासित कर दिया था। वहीं अजीत जोगी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित करने की अनुशंसा की गई थी। यह मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय अनुशासन समिति के समक्ष विचाराधीन है। अब तक फैसला न होने के कारण अजीत जोगी खिन्न हैं। आला कमान से किसी प्रकार का सहयोग न मिलने के कारण खुद को उपेक्षित मान रहे हैं।