केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने अपने नए बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि धर्मनिरपेक्ष लोग अपनी जड़ों से अनजान होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह संविधान का सम्मान करते हैं, लेकिन "यह आने वाले दिनों में बदल जाएगा। उन्होंने कहा, "हम सत्ता में इसलिए ही आए हैं।"
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कर्नाटक से पांच बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा कि यह नई परंपरा चलन में है जिसमें लोग स्वयं को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी होगी यदि कोई यह दावा गर्व से करे कि वह मुस्लिम, ईसाई, लिंगायत, ब्रामण या हिंदू है।
कोप्पल जिले के कूकानूर में ब्रामण युवा परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री हेगड़े ने कहा, मुझे खुशी होगी क्योंकि वह व्यक्ति अपनी रगों में बह रहे खून के बारे में जानता है। लेकिन मुझो यह नहीं पता कि उन्हें क्या कहकर बुलाया जाए जो खुद को धर्मनिरपेक्ष बताते हैं।
उन्होंने कहा, वे लोग जो अपनी जड़ों से अनभिग्य होते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, उनकी खुद की कोई पहचान नहीं होती। उन्हें अपनी जड़ों का पता नहीं होता । लेकिन वे बुद्धिजीवी होते हैं।
लोगों से अपने धर्म या जाति की पहचान करने का अनुरोध करते हुए हेगड़े ने कहा, मैं आपके आगे सिर नवांगा क्योंकि आपको अपनी रगों में बहने वाले खून का पता है। अगर आप धर्मनिरपेक्ष होने का दावा करते हैं तो आप कौन हैं इसको लेकर संदेह पैदा होता है।
कांग्रेस ने लिया आड़े हाथ
हेगड़े पर हमला करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि मंत्री ने संविधान नहीं पढ़ा है, वह संसदीय या राजनीतिक भाषा नहीं जानते। उन्होंने कहा कि हेगड़े सामाजिक व्यवस्था के बारे में नहीं जानते हैं और विभिन्न धर्मों के लोग भारत में रहते हैं।
विवादों से रिश्ता
हेगड़े का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। अपने भाषणों के लिए 49 वर्षीय हेगड़े के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इन्हीं में से एक भाषण में उन्होंने कथित तौर पर इस्लाम की तुलना आतंकवाद से की थी।
कर्नाटक में टीपू सुल्तान जयंती विवाद पर टिप्पणी करते हुए हेगड़े ने कथित तौर पर एक सभा में कहा था कि यह समय की बात होगी जब मुख्यमंत्री कसाब जयंती भी मनाना शुरू कर देंगे।