कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वह और उनकी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय सिंह की टिप्पणी से सहमत नहीं हैं और सशस्त्र बलों को कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने सोमवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया था और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।
राहुल गांधी ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, "मैं दिग्विजय सिंह के बयान से सहमत नहीं हूं। यह स्पष्ट है कि हम इससे असहमत हैं। यह कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति है।" उन्होंने कहा, "उन्हें (सशस्त्र बलों को) कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है।"
दरअसल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर सोमवार को सवाल उठाया और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी ‘‘नफरत’’ में अंधी हो गई है और उसने सशस्त्र बलों का ‘‘अपमान’’ किया है। उनके बयान से एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा होने के बाद कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली और कहा कि यह उनका अपना विचार है तथा पार्टी के रुख को प्रदर्शित नहीं करता।
जम्मू कश्मीर में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कर्मियों को श्रीनगर से दिल्ली हवाई मार्ग से लाने के उसके (सीआरपीएफ के) अनुरोध पर सहमत नहीं हुई थी और पुलवामा में 2019 के एक आतंकी हमले में 40 सैनिकों को अपना बलिदान देना पड़ा।
अपनी टिप्पणियों से अकसर विवाद पैदा करने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं। वे कई लोगों को मारने की बात करते हैं लेकिन कोई सबूत नहीं दिया। वे झूठ के पुलिंदों के सहारे शासन कर रहे हैं।’’
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से यह प्रदर्शित होता है कि देश में की जा रही राहुल गांधी नीत पदयात्रा सिर्फ नाम की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ है, जबकि वह और उनकी पार्टी के सहकर्मी देश तोड़ने के लिए कार्य कर रहे हैं।
भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया, ‘‘यह असल में ‘भारत तोड़ो’ यात्रा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे सशस्त्र बलों के खिलाफ बोलेंगे, तो भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। राहुल गांधी और कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करती है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे नफरत में इस कदर अंधे हो गये हैं कि देश के प्रति उनका समर्पण घट गया है।
उन्होंने कहा कि वायुसेना ने जब कहा था कि उसने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हमला किया है, इसके शीघ्र बाद कांग्रेस नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाये थे।
भाटिया ने दावा किया, ‘‘राहुल और कांग्रेस को हमारे बहादुर सशस्त्र बलों पर विश्वास नहीं है। उन्होंने बार-बार सवाल उठाये हैं और भारत के नागरिकों तथा हमारे सशस्त्र बलों का अपमान किया है।’’ इस बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरने की भाजपा की कोशिश के बाद विपक्षी पार्टी नुकसान की भरपाई करने के लिए हरकत में आ गई।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा व्यक्त किये गये विचार उनके अपने हैं और कांग्रेस के रुख को प्रदर्शित नहीं करते हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक की गई थीं। कांग्रेस ने राष्ट्र हित में की जाने वाली सभी सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया है और करती रहेगी।’’
हालांकि, सिंह ने अपना प्रहार जारी रखा और एक ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘पुलवामा हमले में आतंकवादियों के पास 300 किलोग्राम आरडीएक्स (विस्फोटक) कहॉं से आया? डीएसपी देविंदर सिंह आतंकवादियों के साथ पकड़ा गया, लेकिन उसे फिर क्यों छोड़ दिया गया? पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों के मैत्री संबंधों पर भी हम जानना चाहते हैं।’’
ट्वीट के साथ संलग्न वीडियो संदेश में सिंह ने कहा कि सीआरपीएफ के 40 कर्मियों ने पुलवामा में अपने प्राण न्योछावर कर दिये, लेकिन यह सरकार यह खुलासा नहीं कर पाई कि तीन क्विंटल आरडीक्स कहां से आया था।
उन्होंने कहा, ‘‘साथ ही, सरकार यह जवाब भी नहीं दे पाई कि डीएसपी देविंदर सिंह कहां है जो आतंकवादियों के साथ संलिप्त पाया गया था। उसे क्यों छोड़ दिया गया और उसके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया?’’
कांग्रेस नेता ने वीडियो संदेश में कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से यह भी जानना चाहते हैं कि उनका पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ किस तरह का संबंध है कि वे दोनों एक-दूसरे की सराहना कर रहे हैं। कम से कम, उन्हें इन सवालों का जवाब देना चाहिए।’’
अपनी पार्टी के सहकर्मी दिग्विजय सिंह का समर्थन करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उनका ट्वीट और वीडियो संदेश साझा किया तथा कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को पुलवामा पर सवालों का जवाब देना चाहिए और सशस्त्र बलों की आड़ नहीं लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘सवाल मोदी सरकार से है। बिना हमारी वीर सेना के पीछे छिपे, मोदी जी जवाब दें: पुलवामा में आरडीएक्स कैसे पहुंचा? बिना जांच किये डीएसपी देविंदर सिंह को क्यों छोड़ दिया गया? मोदी जी का पाकिस्तान से यह कैसा रिश्ता है कि आप आईएसआई को पठानकोट बुला लेते हैं?’’