राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को अपनी कैबिनेट बैठक बुलाई है। इससे पहले सीएम गहलोत ने फैरीमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक को संबोधित किया। इस होटल में वो और उनके समर्थक विधायक डेरा डाले हुए हैं। बुलाई गई कैबिनेट बैठक में विधानसभा के स्पेशल सॉर्ट सेशन के प्रस्ताव और प्लोर टेस्ट को लेकर चर्चा की जाने की संभावना है।
हालांकि, एक अधिकारी के मुताबिक राज्य में कोरोनो वायरस की स्थिति, प्रदेश में वित्तीय स्थिति और सामाजिक कल्याण से संबंधित योजनाओं पर चर्चा के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। जयपुर के होटल में करीब दो घंटे की देरी के बाद दोपहर 1 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरु हुई।
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पार्टी की आगे की रणनीति को लेकर ये बैठक आयोजित की गई थी। क्योंकि, पायलट खेमे के कांग्रेसी विधायकों ने राजस्थान हाईकोर्ट में बीते दिनों विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी द्वारा सचिन पायलट समेत अन्य 18 विधायकों को अयोग्यता करार देने की मांग वाली नोटिस को लेकर चुनौती दी है, जिसपर मंगलवार को सुनवाई हुई और कोर्ट ने 24 जुलाई तक के लिए इस पर स्पीकर से कोई फैसला नहीं लेने को कहा।
इस बैठक में राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, के सी वेणुगोपाल, अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला, विवेक बंसल के अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी उपस्थित रहें। बता दें, पिछले एक सप्ताह में विधायक दल की ये तीसरी बैठक रही।
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बीते सप्ताह उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक ने बागी रूख अख्तियार कर लिया था। जिसके बाद दो दिन लगातार गहलोत सरकार ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई। इसमें पायलट को खास तौर से न्योता दिया गया लेकिन वो शामिल नहीं हुए। जिसके बाद पायलट समेत दो अन्य को पद से बर्खास्त कर दिया गया। दो सौ सीट वाली विधानसभा में गहलोत का दावा है कि उनके पास 107 विधायक हैं। जबकि पायलट खेमे का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने प्लोर टेस्ट की मांग की थी।
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