राजनीति से संन्यास का ऐलान करने वाले बाबुल सुप्रियो सांसद बने रहेंगे लेकिन राजनीति नहीं करेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुलाकात करने के बाद यह बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे किसी पार्टी में भी नहीं जाएंगे और सामाजिक कार्य करना जारी रखेंगे। बाबुल सुप्रियो ने कहा कि सांसद एक संवैधानिक पद है।
बाबुल सुप्रियो ने कहा कि वे आसनसोल से सांसद हैं। आसनसोल के प्रति सिर्फ संवैधानिक कर्तव्य निभाएंगे, लेकिन राजनीति में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में सांसद का बंगला खाली कर दूंगा और सुरक्षाकर्मियों को जल्द ही उनकी ड्यूटी से मुक्त कर दूंगा।
बता दें कि दो दिन पहले ही अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बाबुल सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वो राजनीति छोड़ रहे हैं और सांसद के पद से इस्तीफा दे देंगे। राजनीति छोड़ने के एलान के साथ बाबुल सुप्रियो ने संकेत दिया था कि यह निर्णय आंशिक रूप से उन्होंने मंत्री पद जाने और बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण लिया है। सुप्रियो को मोदी मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान हटा दिया गया था। जिन्होंने 2014 से नरेंद्र मोदी सरकार में केन्द्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) के रूप में कई विभागों को संभाला था। बंगाल में विधानसभा चुनाव हारने के बाद उनके बयान भी आने कम हो गए थे।
एक फेसबुक पोस्ट में सुप्रियो ने लिखा था, ‘‘जा रहा हूं अलविदा। अपने माता-पिता, पत्नी, दोस्तों से बात की और उनकी सलाह सुनने के बाद मैं कह रहा हूं कि मैं जा रहा हूं। मैं किसी अन्य पार्टी में नहीं जा रहा हूं। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, कहीं नहीं। मैं पुष्टि कर रहा हूं कि किसी ने मुझे फोन नहीं किया है। मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं एक टीम का खिलाड़ी हूं! हमेशा एक टीम मोहन बागान का समर्थन किया है- केवल एक पार्टी के साथ रहा हूं – बीजेपी पश्चिम बंगाल। बस !! जा रहा हूं।’’
बाबुल सुप्रियो के अचानक से फैसला लेने के बाद बीजेपी नेतृत्व एक्टिव हो गया था, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को भी एक घंटे तक सुप्रियो से अहम मुलाकात की थी।, सोमवार को भी दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई। माना जा रहा है कि जेपी नड्डा ने बाबुल सुप्रियो से अपने फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। जिसके बाद उन्होंने सांसद पद न छोड़ने की बात कही है।