गाजीपुर बॉर्डर सरीखे अन्य बॉर्डर पर, जहां किसानों का प्रदर्शन दो महीने से अधिक समय से चल रहा है। बुधवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि किसानों के मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार इन कानूनों को निरस्त कर दें। राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री व्यक्तिगत रूप से किसानों तक क्यों नहीं पहुंच रहे हैं?" राहुल गांधी ने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा की सरकार दिल्ली को "किले" में क्यों बदल रही है। उन्होंने हॉलीवुड की फेमस सिंगर रिहाना के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी देश की छवि को नुकसान पहुंचा रही है।
पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को किसानों की बात सुननी चाहिए और उनकी मांग पर सकारात्मक विचार कर कृषि संबंधी तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीनी तथा किसानों को लेकर देश में कोई रणनीति नहीं है जिससे साबित होता है कि हमारे यहां नेतृत्व का अभाव हो गया है और देश को संभालने की दृष्टि नेतृत्व में नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति को संभाल नहीं पा रही है। गृहमंत्रालय की जिम्मेदारी थी कि कोई भी तत्व लालकिला पर नहीं जा पाता लेकिन सरकार असफल साबित हुई है इसलिए उपद्रवी तत्वों ने लालकिला पर जाकर उपद्रव किया है। इस माले में सरकार को जांच पड़ताल करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट में सरकार ने देश की जनता की अनदेखी की है। देश के 99 प्रतिशत लोगों को समर्थन देने की बजाए सिर्फ एक प्रतिशत लोगों की मदद के लिए बजट 2021-22 को तैयार किया गया है। सरकार ने किसानों, छोटे उद्यमियों, सेना तथा अन्य प्रमुख क्षेत्र के लोगों का पैसा सिर्फ चार पांच वर्गाें को फायदा देने और उनको पैसा देने के लिए बजट में व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा संकट यह है कि चीन हमारी सीमा में घुसा है लेकिन बजट में चीन को संदेश दिया जाता है कि आप अंदर आ सकते हो और जो भी करना है करो लेकिन हम अपनी सेना को समर्थन नहीं देंगे। बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए महज तीन, चार हजार करोड़ रुपए बढाए गये हैं। इससे देश को फायदा नहीं होने वाला है। सरकार की सेना के लिए प्रतिबद्धता होनी चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि सेना की जो भी जरूरत है उसे दिया जाना चाहिए। लद्दाख में हमारी सेना खड़ी है लेकिन उनको पैसा नहीं दिया जा रहा है। सरकार को सेना की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा देना चाहिए लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।