भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार द्वारा अडानी समूह की संसदीय जांच के लिए विपक्ष के अभियान को खारिज करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि "कांग्रेस के सहयोगियों ने राहुल गांधी के बहके विचारों को खारिज कर दिया"।
अमित मालवीय ने आगे कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस को नीचे धकेल दिया हैं। एनसीपी चीफ ने अपने एक बयान में कहा है कि अडानी के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग से कुछ नहीं होगा, बल्की जेपीसी में तो सरकार का ही दबदबा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग रखी है। कांग्रेस के सहयोगियों ने एक-एक करके राहुल गांधी के नतीजतन बहके विचारों को नकारा है। पहले उद्धव गुट ने सावरकर पर तंज कसा था और तब भी एनसीपी ने अपना किनारा कर लिया था ।
अमित मालवीय ने आगे कहा कि कल तक तो पूरी कांग्रेस गुलाम नबी आजाद और सिंधिया को ‘गालियां’ दे रही थी। गुलाम नबी आजाद ने एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में प्रवेश कर चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस को बिना विचारधारा की पार्टी बताया था। इस पर कांग्रेस के नेताओं ने उनकी खूब आलोचना की।
बात को आगे बढ़ाते भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि अब शरद पवार ने जेपीसी पर कांग्रेस की लाइन तोड़ी है और उसकी मांगों का मजाक उड़ाया है। क्या कांग्रेस के प्रवक्ता उन्हें भी परेशान करेंगे या चुप रहेंगे?
Till yesterday, entire Congress was abusing Ghulam Nabi Azad and Scindia. Now that Sharad Pawar has broken ranks and junked the Congress on the issue of JPC etc, will Congress spokespeople hound him too or just shut up? Is Rahul Gandhi’s conviction on issues frail and malleable?
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2023
बता दें कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि वह अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच के पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी।
पवार ने पत्रकारों से कहा कि अगर जेपीसी में 21 सदस्य हैं, तो संसद में संख्या बल के कारण 15 सत्ता पक्ष से और छह विपक्षी दलों से होंगे, जो समिति पर संदेह पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक विशिष्ट समय अवधि में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति गठित करने का फैसला किया।
पवार ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं... कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी।’’
वहीं, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने शरद पवार के बयान पर कहा कि यह उनका निजी बयान हो सकता है, लेकिन एनसीपी समेत समान विचारधारा वाले दल अडानी के खिलाफ अब भी एकजुट खड़े हैं। संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए बीजेपी के हमलों से बचने के लिए एकजुट हैं। सभी समान विचारधारा की पार्टियां बीजेपी के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे।