कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी और जम्मू-कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने बुधवार को भाजपा और पीडीपी पर जमकर हमला बोला। इन नेताओं ने दोनों दलों को सत्ता का भूखा बताया। दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेस ने कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर सवालों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि देश और कश्मीर का चुनाव भाजपा ने कश्मीर के मुद्दे को खत्म करने के वादे पर जीता था। लेकिन वास्तव में क्या हुआ, इन लोगों ने कश्मीरियों की जिंदगी ही खत्म कर दी।
आजाद ने कहा कि कश्मीरियों ने पीडीपी पर और जम्मू ने भाजपा पर विश्वास किया और दोनों दलों ने लोगों के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था की हत्या कर दी और पार्टी इसकी जवाबदेही से बच नहीं सकती है। भाजपा के साढ़े तीन साल के शासन काल में जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया।
आजाद ने कहा कि पहले आतंकवादियों में पढ़े लिखे लोग नहीं होते थे लेकिन इस सरकार में डॉक्टर, इंजीनियर जैसे पढ़े लिखे लोग आतंकवाद में शामिल हुए। उन्होने सवाल किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले कब बंद होंगे और जम्मू-कश्मीर में युवाओं के कट्टरपंथी बनने से रोकने के लिए भारत सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? उन्होंने कहा कि हमारी यही चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में प्रगति, अमन, शांति हो और बंदूक़ों के मुंह बंद हो जाएं।
उन्होंने कहा कि भाजपा और पीडीपी की विचारधारा में ज़मीन और आसमान का फर्क है। इनके जो भी वादे थे वो खोखले थे, हमने जब सरकार बनी थी उस समय भी इस पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि आज से साढ़े तीन साल पहले भाजपा और पीडीपी के बीच अनैतिक गठबंधन हुआ था। इसकी परिणति महबूबा सरकार के गिरने के रूप में हुई। जिस दिन से जम्मू कश्मीर में गठबंधन बना ये उसी दिन से होने की उम्मीद थी।
गुलाम अहमद मीर ने कहा कि भाजपा ने 2019 में वोट हासिल करने के लिए पीडीपी से अलग होने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन कोई भी समाज पसंद नहीं करता है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 80,000 करोड़ के जिस पैकेज का ऐलान मोदी जी ने किया था वो पैकिजिंग थी, जो यूपीए सरकार की योजनाओं को मिलाकर घोषित किया गया था।
अंबिका सोनी ने कहा कि हर बार केंद्रीय गृह मंत्री जी ने यही दावा किया था कि अगले छह महीने में जम्मू-कश्मीर में हालत सुधर जाएंगे, उनका दावा किसी से छुपा नहीं है। लेकिन वास्तविक स्थिति इसके ठीक विपरीत रही। उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख ने भाजपा और पीडीपी को चार साल साथ रखा।