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दिग्‍गी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगानेे वाले भाजपा नेताओं का 18 साल बाद यू टर्न

18 साल पहले कांग्रेस महासचिव व मध्‍यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाले प्रदेश के दो भाजपा नेताओं ने इस पूरे मसले पर अब यू टर्न ले लिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने अदालत को लिखकर दिया है कि दिग्विजय सिंह ने भ्रष्टाचार नहीं किया। वे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ हैं। अदालत में इस स्वीकारोक्ति के बाद दिग्विजय ने दोनों नेताओं के खिला‌फ मानहानि का केस वापस ले लिया है।
दिग्‍गी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगानेे वाले भाजपा नेताओं का 18 साल बाद यू टर्न

पटवा और वर्मा के अलावा एक अन्य मामले में वर्तमान केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता उमा भारती के खिलाफ भी दिग्विजय सिंह ने मानहानि का केस लगा रखा है। लेकिन तीनों दिग्गज नेता अभी तक भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित नहीं कर सके। दिग्विजय सिंह के वकील अजय गुप्ता और सुंदर लाल पटवा व विक्रम वर्मा के वकील हरीश मेहता ने आपसी सहमति और बिना शर्त प्रकरण वापस लेने का आवेदन पिछले 16 सितंबर को लगाया था। इस आवेदन पत्र को स्वीकार करते हुए पटवा और वर्मा को अब इस मामले में दोषमुक्त कर दिया। आपराधिक मानहानि (क्रिमिनल डिफेमेशन) के यह तीनों मामले भोपाल कोर्ट में विचाराधीन हैं। 

दिग्विजय सिंह पर 1998 के विधानसभा चुनाव के दौरान पटवा और वर्मा ने आरोप लगाया था कि वे हवाला कांड के आरोपी बीआर जैन से मिले हुए हैं। उन्हें भिलाई में जमीन दिलाई गई। पटवा ने यह भी कहा था कि दिग्विजय सिंह को दिल्ली में आउट ऑफ टर्न मकान दिया गया। बाद में आरोप गलत साबित हुए। 
 
पटवा ने पूर्व में दिग्विजय सिंह से आग्रह किया था कि उनके खिलाफ लगाया गया मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया जाए। उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला भी दिया थाजिसको ध्यान में रखते हुए इस मुक़दमें को वापस लिया गया। 

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