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त्रिपुरा में संकट में बीजेपी सरकार, घटक दल के एक विधायक ने दिया इस्तीफ़ा; क्या चली जाएगी बिप्लब कुमार की कुर्सी

त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली बिप्लब सरकार संकट में आ गई है। इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट...
त्रिपुरा में संकट में बीजेपी सरकार, घटक दल के एक विधायक ने दिया इस्तीफ़ा; क्या चली जाएगी बिप्लब कुमार की कुर्सी

त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली बिप्लब सरकार संकट में आ गई है। इंडिजनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के विधायक बृषकेतु देबबर्मा  ने अपना इस्तीफा मंगलवार की शाम को विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दिया है। हालांकि, विधानसभा के अध्यक्ष रेवतीमोहन दास ने बुधवार को बताया कि इस्तीफा प्रक्रियात्मक आधार पर स्वीकार नहीं किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सहयोगी आईपीएफटी के विधायक ने मंगलवार को अपना इस्तीफा भिजवाया था और विधानसभा अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं की थी जो ‘‘विधायी व्यवहार के खिलाफ’’ है। दास ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है क्योंकि इसके लिए विधायी व्यवहार का पालन नहीं किया गया। यह उचित तरीका नहीं है। उन्होंने अपने पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को इस पत्र की प्रति भेजी है, जो प्रक्रिया के विरुद्ध है।’’

दरअसल, वकील से विधायक बने देबबर्मा ने इस्तीफा को लेकर "व्यक्तिगत कारणों" का हवाला दिया है। वृषकेतु ने स्पीकर रेबती मोहन दास को लिखे अपने पत्र में लिखा, “किसी व्यक्तिगत कारण से, मैं उक्त विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में अपना इस्तीफा दे रहा हूं; इस संबंध में, मैं आपसे अनुरोध करना चाहूंगा कि कृपया इसे मेरा त्याग पत्र मानें।”

दरअसल, ये इस्तीफा सत्तारूढ़ गठबंधन के संकट को और बढ़ा सकता है क्योंकि ये ऐसे समय में आया है जब कई वरिष्ठ विधायक मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को उनके कथित कुशासन को लेकर हटाने के लिए  आंतरिक कलह जारी हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को पहले ही इस मामले से अवगत करा दिया गया है और वो 2023 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इसे हल करने की कोशिश में जुटी हुई है।

विधायक का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने फोन पर विधायक से संपर्क का प्रयास किया लेकिन उनका मोबाइल फोन बंद था। सिमना विधानसभा क्षेत्र से विधायक ने मंगलवार को निजी कारण का हवाला देते हुए विधानसभा से इस्तीफा दिया था।

उन्होंने पत्र की एक प्रति आईपीएफटी अध्यक्ष एन सी देबबर्मा और मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को भी भेजी थी। ऐसी अटकलें हैं कि वह त्रिपुरा इंडिजनस प्रोग्रेसिव रिजनल अलायंस (टीआईपीआरए) में शामिल हो सकते हैं जिसने हाल में जिला परिषद के चुनाव में जीत हासिल की है।

पार्टी ने 28 सदस्यीय त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (टीटीएएडीसी) का चुनाव जीता है। भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन ने 2018 में 60 सीटों में से 44 सीटें जीतकर वाम मोर्चा को हराया था। टीआईपीआरए के सूत्रों ने बताया, ‘‘देबबर्मा टीआईपीआरए के संपर्क में हैं। अगर वह हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।’’

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