अपने विवादित बयानों के लिए अक्सर विवादों में रहने वाले कैलाश विजयवर्गीय ने अपना विवादित ट्वीट भले ही वापस ले लिया है लेकिन उन्होंने शाहरुख खान पर निशाना साधना बंद नहीं किया है। अब उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख न होते, मेरे ट्वीट को कुछ लोगो ने अलग अर्थो में लिया है। मेरा उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुंचाना कतई नहीं था। मैं अपना कल का ट्वीट वापस लेता हूं।
इससे पहले विजयवर्गीय ने ट्वीट किया था कि शाहरुख खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है। उनकी फिल्में यहां करोड़ो कमाती है पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है। यह देशद्रोह नहीं तो क्या है? इस बयान को लेकर काफी बवाल मच गया था जिसे देखते हुए विजयवर्गीय ने बयान ले लिया है। इससे पहले भाजपा की नेता साध्वी प्राची ने भी शाहरुख पर हमला बोलते हुए उन्हें पाकिस्तानी एजेंट बताया था। प्राची ने कहा था कि शाहरुख खान हिन्दुस्तान का खा रहे हैं और गीत पाकिस्तान के गा रहे हैं वो पाकिस्तानी एजेंट हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
गौरतलब है कि फिल्म स्टार शाहरुख खान ने देश के मौजूदा माहौल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा था कि देश में थोड़ी असहिष्णुता बढ़ी है। इस बयान के बाद ही विजयवर्गीय शाहरुख पर तीखे हमले बोल रहे हैं। विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में लिखा था कि जब 1993 में बॉम्बे में सैकड़ों लोग मारे गए थे तब शाहरुख खान कहां थे। जब मुंबई पर 26/11 का हमला हुआ था तब शाहरुख कहां थे आज जब सारी दुनिया भारत और उसके नेतृत्व को मान रही है ऐसे में यहां असहिष्णुता बढ़ने की बात करना भारत को कमजोर करने जैसा है। शाहरुख खान को देशद्रोही बनाने वाले विजयवर्गीय के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी सवाल उठने लगे थे। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने विजयवर्गीय के बयान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरना शुरू कर दिया था।