बसपा प्रमुख मायावती ने आज कैबिनेट विस्तार को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला। मायावती ने कहा कि पीएम मोदी का कैबिनेट विस्तार सरकार की असफलता और अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने 9 नए मंत्रियों की चर्चा करते हुए कहा कि सेवानिवृत्त नौकरशाहों पर राजनेताओं की तुलना में ज्यादा भरोसा किया जा रहा है। मायावती ने आगे कहा कि कैबिनेट विस्तार लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा द्वारा किए गए वादों और गरीबी, बेरोजगारी, गंगा सफाई जैसी समस्याओं पर सरकार की विफलता से लोगों का ध्यान हटाने का एक प्रयास है।
उन्होंने अपने बयान में कहा, "भाजपा का ये यह नया ड्रामा है। लोग उम्मीद खो चुके हैं और उनमें सरकार के प्रति काफी गुस्सा है। राजनीतिज्ञों की जगह रिटायर्ड नौकरशाहों पर अधिक भरोसा किया जा रहा है। कैबिनेट विस्तार के जरिए आरएसएस के एजेंडे को फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। यह विस्तार बीजेपी और एनडीए में तनाव को दर्शाता है।" उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की नीतियों के चलते माहौल खराब हो रहा है और विकास मुद्दा काफी पीछे चला गया है।
कैबिनेट विस्तार के बाद मायावती के अलावा मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने नए और पदोन्नत मंत्रियों को लेकर कई सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि इस दौरान 6 मंत्रियों की छुट्टी होना सरकार की सबसे बड़ी नाकामी का सबूत है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदर्शन के हिसाब से यह फेरबदल हुआ है तब वित्त मंत्री अरूण जेटली की भी छुट्टी होनी चाहिए थी। क्योंकि उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। नोटबंदी जेसे कदम फेल रहे हैं। तिवारी ने नौकरशाहों को मंत्री बनाए जाने को लेकर कहा कि पीएमओ में बैठे नौकरशाह की भूमिका सरकार में पहले से ही है ऐसे में नौकरशाहों को मंत्री बनाए जाने का कोई तुक नहीं हैं।