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आनंद शर्मा का पीएम मोदी से सवाल, साढ़े चार साल में भाजपा दुनिया की सबसे अमीर पार्टी कैसे बनी

कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर...
आनंद शर्मा का पीएम मोदी से सवाल, साढ़े चार साल में भाजपा दुनिया की सबसे अमीर पार्टी कैसे बनी

कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला किया। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए मोदी से कई तीखे सवाल भी पूछे। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री किसके साथ बैठते हैं इससे हमें कोई समस्या नहीं है पर वे क्या यह बताएंगे की साढ़े चार साल में भाजपा दुनिया की सबसे अमीर पार्टी कैसे बनी? उन्होंने अगला सवाल किया कि क्या पीएम मोदी यह बताएंगे कि 2017-17 में कॉरपोरेट चंदे का 89 फीसदी हिस्सा भाजपा को अकेले कैसे मिल गया।  

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती जो उन्होंने विपक्ष के नेताओं के बारे में कही है। शर्मा ने कहा कि हमने किसी उद्योगपति के बारे में कभी सवाल नहीं किया बल्कि सिर्फ उनके बारे में सवाल किया है जो देश को लूट कर चले गए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री के बोलने पर नहीं बल्कि क्या बोलते हैं उसपर आपत्ति है। उन्होंने अपनी तुलना महात्मा गांधी तक से कर डाली, इसपर हमें जरूर आपत्ति है। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीबी का नाटक बंद कर दें, 2014 में उन्होंने लोगों की इन्ही भावनाओं को ठगा, अब ऐसा नहीं होगा उनको हिसाब देना होगा।

उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ऐसा कौन सा काम कर रहे हैं जिसके लिए पूरे देश को इनका अभिनंदन करना चाहिए। उनके पहले के सभी प्रधान मंत्री साधारण जीवन जीते थे और देश के लिए काम करते थे। कांग्रेस नेता ने कहा कि कई ज्वलंत विषय जो विपक्ष उठाना चाहता है और हाल का घटनाक्रम, देश में ख़ौफ, भय और हिंसा का माहौल है, उसपर कोई चर्चा नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार से सहयोग तभी संभव है जब इन राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर चर्चा हो।

आनंद शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने असम मामले पर जो बयान दिया है वह संतोषजनक नहीं है और सरकार भी कहीं न कहीं मान रही है कि इस मामले में कोताही हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों की बैठक तुरंत बुलानी चाहिए और सभी दलों के नेताओं को इस मामले की जानकारी देनी चाहिए। ये मानवता से जुड़ा हुआ मामला है। कांग्रेस प्रवक्ता ने मांग की 1985 में राजाव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए असम समझौतेकी परिधि में इस समस्या का राजनीतिक समाधान होना चाहिए।

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