कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार से कोरोना की दूसरी और व्यापक लहर को देखते हुए सरकार से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं के आयोजन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है ताकि बच्चों को परीक्षा देने के लिए एग्जाम सेंटर जाने की जरूरत न पड़े।
कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट किया, ''कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से हमारे देश को अपनी चपेट में ले रहा है । ऐसे में परीक्षा का दबाव डालने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। हमारी शिक्षा व्यवस्था को अपने रुख में व्यापक बदलाव करने की जरूरत है और बच्चों के प्रति संवेदनशीलता तथा करुणा का भाव दिखाना चाहिए, न कि इस बारे में सिर्फ सम्मेलनों एवं संगोष्ठियों में बात की जानी चाहिए।'' प्रियंका ने आरोप लगाया, ''मौजूदा हालात में बच्चों को परीक्षा में बैठने के वास्ते विवश करने के लिए सीबीएसई जैसे बोर्ड पूरी तरह जिम्मेदार हैं।''
राहुल गांधी ने ट्वीट किया,“कोरोना की घातक दूसरी लहर को देखते हुए सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार होना चाहिए। इस बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। सरकार देश के युवा के भविष्य से खिलवाड़ नहीं कर सकती।”
प्रियंका वाड्रा ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर कहा,“कोरोना के बढ़ते मामलों एवं उससे पैदा हुई भयावह स्थिति के बीच सीबीएसई द्वारा मई में परीक्षाएं कराने को लेकर निकाला गया सर्कुलर हैरान करने वाला है। पूरे देश में रोजाना कोरोना के लगभग एक लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ये परीक्षाएं छात्रों का भविष्य निर्धारित करती हैं। इन परीक्षाओं के लिए छात्र कई महीनों तक कड़े परिश्रम के साथ तैयारी करते हैं।”
उन्होंने कहा कि देश भर से लाखों छात्रों और अभिवावकों ने कोरोना की इस दूसरी लहर के दौरान परीक्षा हाल में बैठकर परीक्षा देने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं और उनके द्वारा जाहिर की गई चिंताएं तार्किक रूप से एकदम सही हैं।
बता दें कि सीबीएसई की ओर से जारी डेटशीट के मुताबिक 10वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से सात जून के बीच होगी और 12वीं कक्षा की परीक्षा चार मई से 15 जून के बीच आयोजित की जाएंगी।