छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के कथित करार पर अब राज्य में बवाल मचा हुआ है। मामला दिल्ली तक पहुंच चुका है। कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को दिल्ली तलब किया। लेकिन, बात अभी तक नहीं बनी है। लगातार पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी संकट का सामना कर रही है।
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अब राज्य के विधायकों ने दिल्ली में धावा बोल दिया है। नेताओं ने राजधानी में डेरा डाल दिया है। जिस तरह से राजस्थान में पिछले साल सचिन पायलट गुट के करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने हल्ला बोलते हुए दिल्ली में करीब दो महीने तक डेरा डाल दिया था, जिससे राजस्थान की गहलोत सरकार संकट में आ गई थी।
उसी तरह की चीजें अब छत्तीसगढ़ में दिखाई दे रही है, जहां सीएम पद को लेकर मुख्यमंत्री बघेल और मंत्री सिंहदेव में ठनी है।
बघेल के करीबी और दिल्ली में डेरा डालने वाले बृहस्पत सिंह ने शुक्रवार को दोहराते हुए कहा कि राज्य में शीर्ष पर बदलाव का कोई सवाल ही नहीं है और बघेल के नेतृत्व वाली सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। वहीं, टीएस सिंहदेव ने भी कहा, "पार्टी में खींचतान उतनी नहीं है जितनी संभावना है। क्या होना है इस पर हाईकमान को ही फैसला लेना है, कोई नई स्थिति नहीं बनी है।"
पंजाब में लगातार सियासी घमासान तेज है। सिद्ध ने एक तरफ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से लगातार पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे हैं। कैप्टन कांग्रेस पार्टी छोड़ने का ऐलान कर चुके हैं। उनका कहना है कि वो पार्टी में अपमानित महसूस कर रहे हैं।