अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारत के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सराहना के बाद भारत में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस और भाजपा नेताओं में इसका श्रेय लेने के लिए ट्विटर वार छिड़ गया है। आईएमएफ की ओर से की गई प्रशंसा के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, किरेन रिजिजू, अमित मालवीय और भूपेंद्र यादव ने उन्हें करारा जवाब दिया है।
दरअसल, आईएमएफ की ओर से भारत की आधार और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना की प्रशंसा की गई और इसे एक तार्किक चमत्कार बताया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता व पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा कि दोनों ही योजनाओं को यूपीए सरकार द्वारा लॉन्च किया गया था।
कांग्रेस नेता चिदंबरम ने ट्वीट किया, आईएमएफ अधिकारियों ने भारत की डीबीटी स्कीम और आधार की प्रशंसा की है। इससे पहले कि भाजपा इसका श्रेय लेने के लिए आगे आए, याद करें कि इसे कब और किस सरकार में पेश किया गया था। इसके बाद उन्होंने लिखा, आधार 28 जनवरी, 2009 को लॉन्च किया गया था। वहीं, डीबीटी को 1 जनवरी 2013 को पेश किया गया था। दोनों ही योजनाएं यूपीए सरकार द्वारा लाई गई थीं।
कांग्रेस नेता के ट्वीट के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्विटर पर लिखा, बड़ी विडंबना है कि कांग्रेस अब योजना की सफलता का श्रेय ले रही है। एक समय था, जब कांग्रेस के भीतर ही कई लोगों ने आधार पर संदेह जताया था। उन्होंने लिखा, पिछली सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए डीबीटी लाया गया था। एक दिन कांग्रेस कोविड वैक्सीन, कर्तव्य पथ और नए संसद भवन के लिए भी श्रेय लेने के लिए आगे आ जाएगी।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने चिदंबरम के दावे का जवाब दिया और कहा कि यह कांग्रेस की गरीब विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। वे एक परिवार के नाम पर योजनाओं का नाम लेते हैं लेकिन लोगों के लाभ के लिए काम नहीं करते हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने चिदंबरम का एक पुराना वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि आश्चर्यजनक है कि डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाने के लिए संसद में खड़ा एक व्यक्ति आज डीबीटी और आधार के लिए क्रेडिट का दावा कैसे कर रहा है?
इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने संसद में दिए चिदंबरम के एक वक्तव्य का वीडियो साझा किया जिसमें पूर्व वित्त मंत्री ने डिजिटल लेनदेन पर नरेंद्र मोदी सरकार के जोर देने को लेकर सवाल किया था। यादव ने कहा, ‘हैरान करने वाली बात है कि यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने संसद में डिजिटल इंडिया का मजाक बनाया था और वह अब कैसे डीबीटी और आधार का श्रेय लेंगे ?’
भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने तंज कसते हुए कहा कि चिदंरबम जिस तर्क के आधार पर इन योजनापर ओं की सफलता का श्रेय ले रहे हैं उस आधार पर क्या उनकी पार्टी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का भी श्रेय लेगी क्योंकि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते समय कांग्रेस ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था।