भारत ने सोमवार को रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) समझौते में शामिल होने से इनकार कर दिया। भारत ने निर्णय लिया कि वह 16 देशों के आरसीईपी व्यापार समझौते का हिस्सा नहीं बनेगा।सरकार के इस फैसले को विपक्ष के मजबूत विरोध का नतीजा बताते हुए कांग्रेस ने ट्वीट किया। इसमें लिखा, कांग्रेस द्वारा एक मजबूत विरोध के परिणामस्वरूप बीजेपी सरकार ने आरसीईपी समझौते पर अपना निर्णय वापस लिया। यह लाखों किसानों, डेयरी उत्पादकों, मछुआरों और छोटे और मध्यम व्यवसायियों की जीत है।
‘किसानों के भारी विरोध के चलते सरकार पीछे हटने को विवश हुई’
आरसीईपी का हिस्सा नहीं बनने के सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा कि किसानों के भारी विरोध के चलते सरकार पीछे हटने को विवश हुई। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, भाजपा सरकार पूरे गाजे बाजे के साथ रासेप समझौते (किसान सत्यानाश समझौता) के जरिए भारत के किसानों के हित कुचलकर भारत के राष्ट्रीय हित को विदेशी देशों के हवाले करने जा रही थी’। उन्होंने कहा, ‘देश के किसानों ने पूरी एकता के साथ इसका विरोध किया और स्पष्ट संदेश दिया कि उनकी मेहनत को विदेशी कंपनियों के फायदे की भेंट नहीं चढ़ने देंगे।
किसान बहनों-भाईयों को बधाई
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा सरकार को आज आरसीईपी समझौते पर अपना निर्णय रोकना पड़ा है। किसान बहनों-भाईयों को बधाई। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया जिन्होंने इस मुद्दे पर किसानों का व्यापक साथ दिया’।
इसलिए भारत ने आरसीईपीसौदे में शामिल नहीं होने का फैसला किया
बीजेपी ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और संकल्प का संकेत बताया। सरकार के सूत्रों ने कहा कि भारत ने सोमवार को आरसीईपी सौदे में शामिल नहीं होने का फैसला किया क्योंकि यह भारत के मुद्दों और चिंताओं से मेल नहीं खाता है। केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि निर्णय से भारत के किसानों, एमएसएमई क्षेत्र, डेयरी और विनिर्माण क्षेत्रों को समर्थन मिलेगा। आरसीईपी पर साइन नहीं करने का भारत का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत नेतृत्व और सभी परिस्थितियों में राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करने के संकल्प का एक परिणाम है।
‘भारत वैश्विक दबाव के आगे नहीं झुका’
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी प्रधानमंत्री की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि वह वैश्विक दबाव के आगे झुके नहीं। नड्डा ने ट्वीट कर कहा, भारत वैश्विक दबाव के आगे नहीं झुका। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने भारतीय बाजारों को कमजोर एफटीए के जरिए खोला था। बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पीएम मोदी ने फिर से गरीबों के हितों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।