कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार बुधवार शाम को कांग्रेस एक बैठक में इस बात का फैसला करेगी कि जीएसटी की लांच इवेंट में शामिल हों कि नहीं।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक कांग्रेस पार्टी इस मसले पर बंटी नजर आ रही है। पार्टी के भीतर एक धड़ा मानता है कि जीएसटी कांग्रेस का ही शुरू किया गया सुधार है जिसका श्रेय अब सत्ताधारी दल ले रहा है। इस लिए ये इस धड़े का मानना है कि पार्टी को संसद के केंद्रीय कक्ष में होने जा रही इस जीएसटी लांच इवेंट में भाग लेना चाहिए।
जबकि दूसरा धड़ा मानता है कि जीएसटी को जल्दबाजी में लांच किया जा रहा है। सभी संबंधित पक्षों का ध्यान नहीं रखा गया है, इससे छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न होगा। इसलिए इसका मानना है कि इसमें कांग्रेस पार्टी को भाग नहीं लेना चाहिए।
एएनआई के मुताबिक एआईसीसी की ब्रीफिंग में कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि मोदी सरकार ‘टैक्स टेररिज्म’ फैलाने के लिए जीसटी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोटे व्यापारियों के लिए टैक्स ढांचे को आसान बनाने के लिए इसको लेकर आई थी।
गोहिल ने कहा, "हमारे नेता, विशेषज्ञो, बिजनेसमैन और आम आदमी से इस मसले पर बात कर रहे हैं, सभी से बात करने के बाद ही इस पर अतिंम निर्णय लिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि, "मोदी के गृह राज्य गुजरात के बिजनेसमैन, जो कभी मोदी के करीब हुआ करते थे, महसूस करते है कि जीएसटी ‘टैक्स टेररिज्म’ के हालात पैदा करेगा।". उधर वाम दल भी इस इवेंट में भाग लेने के बारे में बुधवार को ही फैसला करेंगे।
बुधवार को मेगा रिहर्सल
जीएसटी को लागू करने के लिए 30 जून की रात को संसद के केंद्रीय कक्ष में मेगा लांच इवेंट होगी। जिसमें केंद्र सरकार के सभी मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी बुलाया गया है। सभी विपक्षी दलों को भी इसमें आमंत्रित किया गया है। इसकी तैयारियों को परखने के लिए 28 जून को संसद के सेंट्रल हाल में रिहर्सल की जाएगी। इसका मकसद 30 जून के आयोजन को सफल बनाना है।