कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा से निलंबन को बुधवार को निरस्त कर दिया। इस सिलसिले में संसद की एक समिति के सिफारिश करने के कुछ ही घंटों बाद यह कदम उठाया गया। लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘सदन की सेवा से अधीर रंजन चौधरी, सांसद, का निलंबन 10 अगस्त 2023 को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट सौंपे जाने तक प्रभावी था, जिसे 30 अगस्त 2023 के प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।'
इससे पहले दिन में, चौधरी लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के समक्ष उपस्थित हुए और सदन में अपने आचरण को लेकर खेद प्रकट किया, जिसके बाद समिति ने उनका निलंबन निरस्त करने के लिए आम सहमति से एक प्रस्ताव स्वीकृत किया। समिति की रिपोर्ट तुरंत ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी गई।
समिति के समक्ष उपस्थित होते हुए चौधरी ने सदन में खुद के द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर खेद भी प्रकट किया। उनकी टिप्पणियों के कारण वह 10 अगस्त को लोकसभा से निलंबित कर दिये गए थे।'
समझा जाता है कि कांग्रेस सांसद चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुनील सिंह की अध्यक्षता वाली समिति को बताया कि उनका किसी की भावना को आहत करने का कोई इरादा नहीं था, और अपनी कुछ टिप्पणियों के लिए खेद प्रकट किया है।
समिति के एक सदस्य ने कहा, ‘‘समिति ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को निरस्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया है. प्रस्ताव को यथाशीघ्र स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) के पास भेजा जाएगा।''
समिति की 18 अगस्त को हुई बैठक में कई सदस्यों ने यह विचार प्रकट किया था कि चौधरी के आचारण को लेकर लोकसभा द्वारा उन्हें दंडित किया गया है और एक संसदीय समिति द्वारा उनके आचरण की जांच करने की अब और जरूरत नहीं है। हालांकि, नैसर्गिक न्याय की प्रक्रिया के रूप में समिति ने चौधरी को अपने समक्ष बुधवार को उपस्थित होने को कहा था।